आदरणीय साथिओ,
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आपका आभार , आ0 बरखा जी ।
आ.अन्नपूर्णा जी इतनी हिम्मत एक स्त्री मेम आ जाए फ़िर वो चाहे माँ हो या सास तो किसी कि क्या मजाल की बेटी को इस दुनिया में आने से रोक सके. बहुत बधाई आपको
हार्दिक बधाई आदरणीय अन्नपूर्णा जी।मार्मिक प्रस्तुति।
हार्दिक आभार आ0 तेजवीर सिंह जी ।
आपका आभार , आपको लघु कथा पसंद आयी ।
आपकी उपस्थिति ने मन को संबल प्रादन किया । जरूर सर मैं आपके कहे का ध्यान रखूंगी ।
आदरणीय योगराज सर की टिप्पणी को मुझ तक पहुँचने के लिए आपका हार्दिक आभार आ0 शेख उस्मानी जी ।
आपका हार्दिक आभार आ0 नीता जी ।
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