For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Abhinav Arun's Discussions (1,778)

Discussions Replied To (1523) Replies Latest Activity

"मुबारकवाद कबूलें रत्नेश जी आपने जता दिया कि आज का युवा देश के गभीर मुद्दों को लेकर क…"

Abhinav Arun replied Oct 19, 2010 to आतंकवादी या अतिथि ?

28 May 10, 2012
Reply by Bhawesh Rajpal

"Admin जी अत्यंत उपयोगी जानकारी .मैंने भी एक बार गलत टैग कर दिया था .अभी इसे पुनः आपक…"

Abhinav Arun replied Oct 13, 2010 to एक आवश्यक जानकारी Tag के सम्बन्ध में ...

9 Nov 13, 2010
Reply by रौशन जसवाल विक्षिप्‍त

"आदरणीय आचार्य जी,प्रणाम, आपका यह योगदान महत्त्वपूर्ण और उपयोगी है.हम जिस भाषा में चौ…"

Abhinav Arun replied Oct 11, 2010 to हिंदी सीखे : वार्ताकार - आचार्य श्री संजीव वर्मा "सलिल"

36 Feb 22, 2011
Reply by Abhinav Arun

प्रधान संपादक

"योगराज जी बहुत अच्छा कायदा तो हर मामले में ज़रूरी है. हम सबको इसका पालन करना चाहिए .…"

Abhinav Arun replied Oct 6, 2010 to OBO की प्रकाशन सम्बन्धी नियमावली ( ०१-१०-२०१० से प्रभावी )

39 Dec 14, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

मुख्य प्रबंधक

"ढेरों यादें हैं ए.वी. एम्. के इस लोगो को देख पुराने दौर के फ़िल्मी परदे की याद ताज़ा ह…"

Abhinav Arun replied Sep 29, 2010 to "यादें" (आईये लिखे कुछ ऐसी यादों को जो भूलता ही नहीं)

48 Jan 5, 2011

मुख्य प्रबंधक

"बागी जी , मैं तो यहाँ आकर इस पेंटिंग में खो सा गया .अपने आप में यादों का मंज़र यही है…"

Abhinav Arun replied Sep 29, 2010 to "यादें" (आईये लिखे कुछ ऐसी यादों को जो भूलता ही नहीं)

48 Jan 5, 2011

मुख्य प्रबंधक

"श्री प्रभाकर जी को हार्दिक बधाई ! उम्मीद है की आपके नेतृत्व में ओ.बी.ओ. खूब तरक्की क…"

Abhinav Arun replied Sep 29, 2010 to श्री योगराज प्रभाकर जी बने ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम के "प्रधान संपादक"

24 Oct 12, 2010
Reply by DEEP ZIRVI

मुख्य प्रबंधक

"बागी जी बहुत दिनो तक मैं इसे सच्चा समझ रहा थाऔर बधाई देना चाह रहा था .आज जाना 'धोखे…"

Abhinav Arun replied Sep 26, 2010 to www.openbooksonline.com को मिला £1,000,000.00(British Pounds) का प्राइज़ !!!

29 Dec 25, 2010
Reply by Lata R.Ojha

सदस्य टीम प्रबंधन

"एक से एक बेहतरीन शेर .वाह ! "जब से हम सब तरक्की की जानिब हुए गंगा, मैया से बनकर नदी…"

Abhinav Arun replied Sep 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"आइये कुछ अलग सोचें इस तथ्य के मद्देनज़र कि फैसला जो भी आये दूसरे पक्ष को नाराजगी होगी…"

Abhinav Arun replied Sep 22, 2010 to अयोध्या मसले का हल क्या है ?

14 Oct 1, 2010
Reply by आशीष यादव

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
15 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
50 minutes ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
2 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
11 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service