For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-73 (विषय: आदर्श)

आदरणीय साथियो,
सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-73 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है. प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-73
विषय: "आदर्श"
अवधि : 29-04-2021 से 30-04-2021 तक
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फ़ॉन्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है।
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाए रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पाएँ इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद ग़ायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आसपास ही मँडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया क़तई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ-साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा ग़लत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिसपर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फ़ोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
.
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 2486

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

शुभप्रभात। हमें प्रदत्त शीर्षक/विषयांतर्गत सार्थक लघुकथा प्रविष्टियों हेतु प्रतीक्षारत और प्रयासरत।

मेड़ चलती है

सेमर का यह पेड़ मेड़ के इस पार था।'
' कैसे पता ?'
' उसे मैंने ही बोया था।यह मेरा ही खेत है।'
'फिर यह उधर कैसे चला गया?'
' समय लगा है इसमें। मेड़ उधर से धीरे धीरे खिसकी है। पहले वह पेड़ से मिली,फिर उसे पार कर गई।'
' अरे वाह!मेड़ भी चलने लगी?' दूसरा मित्र हँसी नहीं रोक सका।
'हां भाई,क्योंकि पेड़ तो महज ऊपर की ओर चलता है।मेड़ ही तो धरती पर चलती है न?' खेतपति मित्र ने सफाई पेश की।
'और उधर के खेतवाले भैया के बारे में क्या खयाल है?' मित्र ने ठिठोली की।
'मेल जोल के कायल हैं।अपने ही खेतों में आठ -दस मेड़ कायम कर चुके हैं। कहते हैं ,मेरे रहते बंटवारा नहीं होगा। सब भाई साथ साथ रहेंगे।'
'पहुंचे हुए हैं।'
'हां भई।'खेतपति मित्र ने हामी भरी।
'सेमर के फूल उनके ध्येय हैं।'दूसरे मित्र ने ठप्पा जड़ा।
"मौलिक व अप्रकाशित"

हार्दिक स्वागत आदरणीय।  विषयांतर्गत बढ़िया व उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। शीर्षक? (पहली पंक्ति, या?)

शीर्षक है आदरणीय।

लघुकथा को मान देने के लिए आपका दिली आभार आ.उस्मानी जी।

वाहः बहुत ही अच्छी लघुकथा भाई मनन जी। शिक्षाप्रद कथानक।

आपका आभार आ.संदीप जी।

बहुत सुन्दर रचना संदेशात्मक। बहुत-बहुत बधाई,आदरणीय मनन सरजी।

आपका आभार आ.बबिता जी।

आ. भाई मनन जी, बहुत खूबसूरत अंदाज में कपटी मनों टर चोट की है । बहुत बहुत बधाई।

आ.लक्ष्मण भाई जी,आपका आभार।

यथार्थ (लघुकथा) :


नई सदी में नवीन वाइरस संक्रमण से फैली महामारी काल में नई महामारी से जूझकर ज़िंदा बचे लोगों से कुछ सवाल पूछे गये एक प्रश्नोत्तरी में। उस  प्रश्नोत्तरी पर चर्चा करते हुए एक बुद्धिजीवी ने अपने साथी से कहा, "अधोलिखित सवाल में रिक्त स्थान की पूर्ति करनी थी सही विकल्प चुनकर।


जिसका कोई नहीं, उसका तो ----------- है यारो, मैं नहीं कहता, हालातों ने सिखाया है यारो!


उत्तर के विकल्प थे :


(क)- पैसा/नेता/क्रेता/उद्योगपति/जुगाड़
(ख)- ईश्वर (भगवान)/ख़ुदा/धर्मग्रंथ/ नीति-शास्त्र/आदर्श
(ग)- विवेक/हौसला/इच्छाशक्ति/मनोबल/इम्युनिटी


चालीस फ़ीसदी लोगों का उत्तर (क) था, पचास प्रतिशत का (ग) और दस प्रतिशत का उत्तर था विकल्प (ख)।" यह बताते हुए उस बुद्धिजीवी ने साथी से पूछा, "विकल्प (ख) कम चुने जाने के पीछे कारण क्या हो सकता है?"


जवाब मिला, "उनमें से असली ग़रीब कोई न रहा होगा!"


(मौलिक व अप्रकाशित)

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
31 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service