For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - झूठ का इश्तहार खूब चला

बह्र - फाइलातुन मफाइलुन फैलुन

झूठ का इश्तहार खूब चला।
इस तरह कारोबार खूब चला।

कोने कोने में मुल्क के साहब,
आप का ऐतबार खूब चला।

गाँव तो गाँव हैं नगर में भी,
रात भर अंधकार खूब चला।

जो हक़ीक़त से दूर था काफी,
वो भी तो बार बार खूब चला।

नोट में दाग थे बहुत लेकिन,
नोट वो दाग़दार खूब चला।

सबने देखा है किस अदा के साथ,
बेवफा तेरा प्यार खूब चला।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 732

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 29, 2017 at 5:20am

आदर्णीय कालीपद प्रसाद जी ग़ज़ल पसन्दगी के लिये आपका बहुत बहुत आभार

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 29, 2017 at 5:18am

आदरणीय अफरोज़ सर मैं मुल्क की जगह देश कर देता हूँ। आपका बहुत बहुत शुक्रिया तनाफुर की ओर ध्यान दिलाने एवं ग़ज़ल पसन्दगी केलिये । सादर

Comment by Afroz 'sahr' on December 28, 2017 at 10:30pm
आदरणीय राम अवध जी इस रचना पर बहुत बधाई आपको
दूसरे शेर के ऊला मिसरे में तनाफ़ुर है। देखिएगा,,,
Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 28, 2017 at 10:19pm

बहुत खुबसूरत ग़ज़ल \ बधाई स्वीकार करे आदरणीय राम अवध जी 

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 28, 2017 at 7:43pm

आदर्णीय तस्दीक़ अहमद साहब उत्साह वर्धन के लिये सादर आभार

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 28, 2017 at 7:41pm

आदर्णीय महेन्द्र कुमार जी ग़ज़ल पसन्दगी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 28, 2017 at 7:39pm

आदर्णीय सलीम रज़ा साहब बहुत बहुत शुक्रिया ग़ज़ल सराहना के लिये।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 28, 2017 at 5:28pm

जनाब राम अवध साहिब ,सुन्दर ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें।

Comment by Mahendra Kumar on December 28, 2017 at 3:04pm

सबने देखा है किस अदा के साथ,
बेवफा तेरा प्यार खूब चला। ...बहुत ख़ूब! 

हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आ. राम अवध जी. सादर.

Comment by SALIM RAZA REWA on December 28, 2017 at 8:42am
जनाब राम अवध जी आदाब,
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service