For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अरकान:-फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़्इलातुन फेलुन

है कहाँ, कौन है,कैसा वो नज़र आता है
ख़ुद में कम मुझ में ज़ियादा वो नज़र आता है

क्या तअल्लुक़ है मेरा उससे बताऊँ कैसे
हर दुआ में मुझे चहरा वो नज़र आता है

तिश्नगी जब मुझे दीदार की तड़पाये तो
ऐसे हालात में दरया वो नज़र आता है

घेर लेते हैं मुझे जब भी अँधेरे ग़म के
मेरा हमदर्द अकेला वो नज़र आता है

तुमने पूछा कभी'संतोष'से जाकर यारो
किसलिये भीड़ में तन्हा वो नज़र आता है
#संतोष
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 623

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on October 15, 2017 at 7:34pm
हृदय से धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी ....

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2017 at 7:31pm

इस पटल पर आपकी कोई प्रस्तुति पहली बार देख रहा हूँ. आश्वस्तिकारी इस प्रस्तुति के लिएहार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ 

ग़ज़ल पर आपका अभ्यास सतत बना रहे. 

शुभ-शुभ

Comment by santosh khirwadkar on October 15, 2017 at 9:38am
शुक्रिया आदरणीय अजय जी ...
Comment by Ajay Tiwari on October 15, 2017 at 9:29am

आदरणीय संतोष जी,
अच्छी ग़ज़ल हुई है. शुभकामनाएं.
सादर

Comment by santosh khirwadkar on October 12, 2017 at 6:12pm
प्रणाम आदरणीय समर साहब, तहेदिल से शुक्रिया!!’
Comment by santosh khirwadkar on October 12, 2017 at 6:11pm
आदरणीय निलेश जी , शुक्रिया!!!
आप के इस बारीक निखार पर अवश्य ही सुधार का प्रयत्न करूँगा!!
Comment by Samar kabeer on October 12, 2017 at 5:23pm
जनाब संतोष जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 12, 2017 at 12:12pm

आ. संतोष जी 
अच्छी ग़ज़ल हुई है ..
मेरा हमदर्द अकेला वो नज़र आता है में वो के साथ तकरार हो रही है 
.
घेर लेते हैं मुझे जब भी अँधेरे ग़म के
साथ हमदर्द अकेला वो नज़र आता है... अब देखिये 
सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
23 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service