For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ कानपुर चैप्टर का शुभारम्भ - एक रिपोर्ट (अन्नपूर्णा बाजपेई "अंजु')

कल रविवार दिनांक 7 अगस्त 2016 हम सबके लिए बहुत अविस्मरणीय रहा । ओपेन बुक्स ऑन लाइन कानपुर चैप्टर का शुभारम्भ ओ बी ओ के प्रधान संपादक आदरणीय योगराज प्रभाकर , आदरणीय डॉ अनिल मिश्र , आदरणीय महेंद्र भीष्म ,एवं ओ बी ओ लखनऊ चैप्टर के संरक्ष्संयोजक आदरणीय शर्देंदु मुखर्जी जी के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से सम्पन्न हुआ ।


इस अवसर पर हमारे सद सौभाग्य वश आदरणीय स्वामी सच्चिदानंद जी भी मौजूद रहे एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआi  इस अवसर पर श्री मयंक त्रिपाठी यायावर की पुस्तक " आवारा परिंदे" का लोकार्पण भी हुआ । कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण लघुकथा संगोष्ठी रहा।


चार घंटे तक चले इस कार्यक्रम मे काव्य पाठ , लघु कथा पाठ एवं आदरणीय योगराज सर द्वारा लघुकथाओं की समीक्षा , उपस्थित अतिथियों के संभाषण भली भांति सम्पन्न हुआ ।


आदरणीय डॉ अनिल मिश्र जी के द्वारा समापन संभाषण एवं आशीर्वचनों ने हम सबको गहरी हर्षानुभूति से भर दिया। इस अवसर पर पटियाला पंजाब से आदरणीय योगराज प्रभाकर सर के साथ उनके अनुज आदरणीय रवि प्रभाकर जी भी आए थे जो कि स्वयं एक लघु कथा विशेषज्ञ हैं । लखनऊ से आए अतिथियों मे डॉ अनिल मिश्र , श्री महेंद्र भीष्म , श्री शर्देंदु मुखर्जी , डॉ0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव , श्रीमती संध्या सिंह , श्री मनोज शुक्ल मनुज जी तथा आदरणीय अनिल मिश्र जी के साथ आए आदरणीय स्वामी सच्चिदानंद जी , एवं आदरणीय परिमल द्विवेदी जी ने कार्यक्रम मे शिरकत की । इस अवसर पर टीकम गढ़ से आई गीतिका वेदिका जी भी मौजूद रहीं तथा अपनी लघु कथा सुनाई ।
लखनऊ से आए लघुकथा कारों मे श्रीमती आभा चंद्रा जी , श्रीमती नेहा अग्रवाल जी , पंकज जोशी जी , कानपुर से श्रीमती सीमा सिंह जी , श्रीमती कल्पना मनोरमा जी , अन्नपूर्णा बाजपेई 'अंजु' , श्री सुधीर दिवेदी , एवं रवि प्रभाकर जी ने अपनी लघु कथाएँ प्रस्तुत कीं ।


इसी अवसर पर ओ बी ओ कानपुर चैप्टर की कार्यकारिणी का गठन भी आदरणीय प्रभाकर सर के द्वारा किया गया । जिसमे श्रीमती सीमा सिंह जी अध्यक्ष , श्री सुधीर दिवेदी जी महा मंत्री , श्री जय राम जय जी को मीडिया प्रभारी घोषित किया गया। संरक्षक पद हेतु मुझ नाचीज़ अन्नपूर्णा बाजपेई 'अंजु' को चुना गया ।


कानपुर से हमारे आमंत्रण पर पधारे वाणी साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष श्री कन्हैया लाल गुप्त सलिल जी के साथ पं चंद्र शेखर बाजपेई जी , श्री कृष्ण कान्त शुक्ल जी ,श्री सुरेन्द्र गुप्त सीकर जी , श्री सुरेश राजहंस जी , श्री रमेश मिश्र आनंद जी , सुरेन्द्र शशि जी , श्रीमती कल्पना मनोरमा जी , आभा दिवेदी , अल्का मिश्रा , अनीता मौर्या , चाँदनी पाण्डे मौजूद थे । तरंग साहित्यिक संस्था से आदरणीय रमेश आनंद जी , आदरणीय सुरेश राजहंस जी , सुरेन्द्र सीकर जी। काव्यायान साहित्यिक संस्था से आदरणीय जय राम जय जी मौजूद रहे । कानपुर महिला साहित्यकार मंच से डॉ मधु प्रधान , डॉ कुसुम सिंह जी, अल्का मिश्रा जी , अनीता अनुश्री जी माजूद रहीं ।


सभी आमंत्रित सुधि जनों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए । इस सम्पूर्ण आयोजन की सफलता का श्रेय हमारी टीम के सदस्यों श्रीमती सीमा सिंह , श्री सुधीर दिवेदी जी को जाता है जिन्होने बड़े मनोयोग से कार्यों को निबटा कर अपनी कर्तव्य निष्ठा क परिचय दिया ।

मासिक गोष्ठी मे पुनः मिलन की अभिलाषा के साथ हम सब एक दूसरे से विदा हुये ।

Views: 1422

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत बहुत बधाई सर । बेहद ख़ुशी की बात है यह ।

   आपका हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना भट्ट जी । 

आदरणीय योगराज सर ऐसे आयोजन का होना ओ बी ओ मंच के लिए  बहुत ही हर्ष की बात है। इस हेतु आपको हार्दिक हार्दिक बधाई। 

   आपका  हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी । 

ओबीओ के कानपुर चैप्टर की भव्य शुरुआत/स्थापना, कार्यकारिणी गठन व भव्य आयोजन के लिए हृदयतल से आप सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।

  आपका हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहजाद साहब । 

एेसे कार्यक्रम लघुकथाकारों में ऊर्जा का संचार करते है ।आप सभी बधाई के पात्र है,बधाईयां व असीम शुभकामनायें आप सभी के लिये ।

आपका हार्दिक आभार आदरणीया नीता कसर जी । 

शुक्रिया नीता जी।

कानपुर चैप्टर की शानदार शुरुआत के लिए हार्दिक बधाई....

 आपका हार्दिक आभार आपका । 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। यह गजल इस बार के मिसरे पर नहीं है। आपकी तरह पहले दिन मैंने भी अपकी ही तरह…"
19 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल कुछ शेर अच्छे हुए हैं लेकिन अधिकांश अभी समय चाहते हैं। हार्दिक…"
27 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई महेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

आंचलिक साहित्य

यहाँ पर आंचलिक साहित्य की रचनाओं को लिखा जा सकता है |See More
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया इस जगमगाती शह्र की हर शाम है…"
4 hours ago
Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
5 hours ago
Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
6 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
8 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service