For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

 

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 45 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ

23 जनवरी 2015  से  24 जनवरी 2015,  दिन शुक्रवार से दिन शनिवार

 

इस बार के आयोजन के लिए जिस छन्द का चयन किया गया है, वह है –  रूपमाला छन्द

 

एक बार में  अधिक-से-अधिक तीन रूपमाला छन्द प्रस्तुत किये जा सकते है.

 

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

 

 

रूपमाला छन्द के आधारभूत नियमों को जानने हेतु यहीं क्लिक करें.


आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 23 जनवरी 2015 से 24 जनवरी 2015 यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 [प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

अति आवश्यक सूचना :

  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध करें.  आयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

 

Views: 12227

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया राजेश कुमारी जी रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। नमन।

आदरणीय मिथिलेशजी 

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, अंतिम छंद लाजवाब है। हार्दिक बधाई

यह रचना पहले पढ़ चुका हूँ। फिर कहाँ गायब हो गई। लगता है मंच संचालक / प्रबंधकों द्वारा स्वागत पश्चात ही रचना पोस्ट करना उचित होता है। 

सादर 

आदरणीय अखिलेश सर, जहाँ तक मुझे लगता है रिप्लाइ बॉक्स खुलने के बाद नियम में स्वागत सन्देश की प्रतीक्षा करने का कोई उल्लेख नहीं है। और संभवतः ऐसा होना भी नहीं चाहिए । प्रतीक्षा रिप्लाई बॉक्स खुलने की होती है फिर स्वागत सन्देश की भी प्रतीक्षा करनी होगी। खैर। रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभार।
इस विषय पर मेरी आदरणीय बागी सर से भी बात हुई थी। उन्होंने भी कहा अचानक रचना गायब हो गई। सादर।

है तो यह हैरत की बात, लेकिन मुझे लगता है कि रिप्लाई बक्स के ओपन होने के क्रम में ब्राउजर रिफ़्रेश मोड में चला गया होगा और रचना पोस्ट न हो पायी होगी. अन्यथा ऐसा होना नहीं चाहिये.

खैर आपकी मनोहर रचना का रसास्वादन कर पाये हमसभी.  हार्दिक शुभकामनाएँ ..

आदरणीय सौरभ सर, तकनीकि रूप से कुछ भी हो सकता है. खैर... मंच के आयोजनों से नए नए छंद सीखने भी मिल रहे है और अभ्यास भी होता है. पिछले आयोजन में हरिगीतिका और इस आयोजन में रूपमाला छंद को सीखने का अवसर मिला. दोनों छंदों की पहली रचना भी इसी आयोजन पर प्रस्तुत की है.  पहली रचना लिखने के लिए प्रेरित करने और  प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करने के लिए मंच का आभारी हूँ. 

आदणीय मिथिलेश भाई,

ऐसा कई सदस्यों, जिसमें मैं भी शामिल हूँ, के साथ हो चुका है, कि, रचना को फिर से पोस्ट करनी पड़ी है. यानि, ऐसा होना कोई अनहोनी नहीं है. एक भाई साहब के साथ तो हाल ही में ऐसा हुआ था, शायद आदरणीय अखिलेश भाई के साथ, जब रचना पहले तो डिलीटेड हो गयी, फिर कुछ अंतराल पर वही रचना दो बार अपलोड हो गयी थी. या ऐसा ही कुछ हुआ था. वस्तुतः ऐसा कुछ ’हम अव्वल हुए’ के बाल-सुलभ उत्साह अंतर्गत होता है. आयोजन के ओपन किये जाने पर ’ब्राउजर’ अपनी गति से रिफ्रेश होता हुआ फिर से अपलोड होता है. उधर ऑन होते ही उत्साही सदस्य एक साथ अपनी-अपनी रचनायें पोस्ट करते हैं. अब ब्राउजर तो बेचारा ब्राउजर ही है ! 

बस ये है कि यह उत्साह बना रहे.

’हम अव्वल हुए’ के बाल-सुलभ उत्साह बना रहेगा सर ... इसका अपना आनंद है 

इस आनन्द से हम भी प्रभावित हैं.. हा हा हा..
यह अलग बात है कि कई बार हम अपनी रचनाओं के साथ तैयार ही नहीं होते और अंतिम समय में या आयोजन के दौरान रचनाकर्म करते होते हैं. जैसाकि इस बार भी हुआ है. यह मेरी विवशता है, भाईजी.

//मंच संचालक / प्रबंधकों द्वारा स्वागत पश्चात ही रचना पोस्ट करना उचित होता है। //

ऐसा कुछ नहीं है, स्वागत सन्देश भी पोस्ट करना आवश्यक नहीं होता, वस्तुतः स्वागत सन्देश इस लिए पोस्ट किया जाता है ताकि सदस्यों को पता चल जाय कि आयोजन प्रारम्भ हो गया, कई बार तो हम लोग (प्रबंधन सदस्य) कुछ समय पश्चात स्वागत सन्देश हटा लेते है ताकि प्रस्तुत रचना प्रथम पृष्ठ पर आ जाय.  

आदरणीय बागी सर, आपके स्पष्टीकरण के बाद ’हम अव्वल हुए’ के बाल-सुलभ उत्साह को पर लग गए. नमन 

आ. मिथिलेश वामनकर जी सादर, 

किस तरह मंजिल मिलेगी, सोचती है राह

राह तो उसको मिली है, हो जहाँ पर चाह   

         इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें. 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service