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गुडिया बोली –‘डैड मै, पूंछू एक सवाल I
सदा किस तरह से रहें काले मेरे बाल II
*

डैडी ने हंसकर कहा यह तो है आसान I
बेटी तुम भी आंवले के गुण को लो जान II
*

इसके सेवन से कई मिट जाते है रोग I
इसीलिये सब नियम से करते इसे प्रयोग II
*

और अगर तुम भी अभी मानो मेरी बात I
तो कल से ही आंवले से कर दो शुरुआत II
*

फिर देखोगी शीघ्र ही इसकी जो करतूत I
मस्तक को शीतल करे दिल भी हो मजबूत II
*

सदा तुम्हारे बाल भी बने रहेंगे श्याम I
असल आम के आम हैं गुठली के भी दाम II
*

गुडिया बोली – ‘वाकई यह तो अच्छी बात I
पर डैडी जी खा गये आप यही पर मात II
*

सचमुच ही यदि आंवला ऐसा है गुणवान I
फिर क्यों उजले बाल को रोता है इंसान II

(मौलिक अप्रकाशित )

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Replies to This Discussion

बहुत बढ़िया .....सादर नमस्ते

सविता जी

आपका आभार i

" सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ .................. "सादर............. "

आदरणीय वर्मा जी

आपका आभारी हूँ i

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