For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य प्रेमी लोगन के सादर परनाम,
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार पिछला कई महिना से हर महीने सफलता पूर्वक "OBO लाइव मुशायरा" अउर "OBO लाइव महा इवेंट" के आयोजन कर रहल बा, एह सफलता से उत्साहित होके रउआ लोगन खातिर एगो अउर अनूठा अउर अपना तरह के अंतरजाल पर एकलउता लाइव कार्यक्रम ले के आवत बा जेकर नाम बा "OBO लाइव विश्व भोजपुरी कवि सम्मेलन" एह कवि सम्मेलन मे विश्व के कोना कोना मे बईठल भाई, बहिन लोग भाग ले सकत बा अउर आपन भोजपुरी रचना के प्रस्तुति लाइव कर सकत बा साथ मे प्रस्तुति पर आपन टिप्पणी भी दे सकत बा लोगन |
कार्यक्रम के रूप रेखा :-
कार्यक्रम प्रारंभ  :- दिनांक १२, फरवरी दिन शनिवार
कार्यक्रम समाप्त :- दिनांक १३, फरवरी दिन रविवार 
नियम :-
१- रचना भोजपुरी मे ही होखे के चाही |
२- रचना अइसन होखे के चाही जेके आपन परिवार मे माई बहिन के साथ पढ़ आ सुन सकल जाव |
३- रचना पहिले से कवनो वेब साईट चाहे ब्लॉग पर पहिले से प्रकाशित ना होखे के चाही, अगर कवनो प्रिंट माध्यम मे प्रकाशित बा तब वोह रचना के प्रस्तुति के अनुमति बा |
४- रचना मौलिक माने आपन लिखल होखे के चाही कोई अउर के ना, एगो कवि आपन प्रस्तुति एक से अधिक बार दे सकत बाडन, बस ध्यान इहे रखे के बा की रचना के स्तर बनल रहे माने quantity के चक्कर मे Quality ख़राब न हो जाय |
५- अबही Reply बॉक्स बंद रही जवन ठीक कार्यक्रम प्रारंभ यानी की १२ तारीख लागते खोल दिहल जाई अउर १३ तारीख ख़तम भईला पर बंद कर देवल जाई |
६- अगर रउआ कवनो कारण से आपन रचना समय से पोस्ट करे मे असमर्थ बानी त आपन रचना इ-मेल admin@openbooksonline.com पर भेज दिही | राउर रचना एडमिन OBO द्वारा राउर नाम से पोस्ट कर देवल जाई, वईसे कोशिश करी की रउआ अपने से पोस्ट कर दिही |
७- रउआ अगर अबही ले ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नईखी जुडल त www.openbooksonline.com पर जाके sign up कर के OBO के मुफ्त सदस्यता ले लिही फिर भोजपुरी साहित्य समूह के ज्वाइन कर लिही |
८- अधिक जानकारी खातिर रउआ हमर इ-मेल ganesh3jee@gmail या मोबाइल नंबर ०९४३१२८८४०५ चाहे एडमिन OBO के इ-मेल admin@openbooksonline.com पर संपर्क कर सकत बानी |


राउर आपन ही
गनेश जी "बागी"    

Views: 8317

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बड़ा मेहनत कईली आप आ एगो नया पर्योग देखे के मिलल
वाह गुरु जी,
बड़ा सुन्दर आ अनूठा प्रयोग बा भोजपुरी में|
अनायासे कही कही अलंकार आ गईल बा जवन की और सुघराई बढ़ा देत बा|
जैसे की--
पर घर पर गलत नजर मत कर|
यमक अलंकार क बढ़िया उदहारण बा|
बहुत बहुत बधाई एह सुन्नर प्रस्तुति खातिर|
आज हर तरफ लुट मचल बा ,
हर कोई देत बा गाली ,
केकरा के का बोलल जाव ,
मौका मिली ता जानेम ,
जेकरा मौका मिलल उ लुटलस,
जेकरा ना मिलल उ साधू बा ,
जेकरा मिलल उ खुश ,
जेकरा ना मिलल उ बेकाबू बा ,
का कही केकरा पर बिश्वास करी ,
गाली जे आज देत बा ,
का काल्ह हमनी के उ ना लुटी ?
ह केहू केहू अपवाद हो जाला ,
बाकिर ओतने से बिवाद ना रुकेला ,
सोची समझी कुछु करी ,
जवन चलत बा उ चले दी ,
कारण जे बनावत बा उ आउर बनाई,
जेकरा रास्ता मिलल बा ओकरे भेटाइ ,
इ हिंदुस्तान ह इहा ओकरे सुनल जाला ,
जेकर सरकार होखे ,
या जेकरा लगे मॉल (पैसा ) होखे ,
या जे करत बवाल होखे ,
रउआ बीच के आदमी मत बनी ,
ना त राउर केहू ना सुनी ,
सही बयानी कईनी ह गुरु जी , बहुत बढ़िया |
jai ho guru jee ke....jai ho bhojpuria bhai ke
जेकरा मौका मिलल उ लुटलस,
जेकरा ना मिलल उ साधू बा ,
जय हो गुरूजी.बात त सोरहो आना सांच बा

बिलकुल जन जन के मन के बात कहलीं आप ,गुरु जी बहुत खूब |

जेकरा मौका मिलल उ लुटलस,
जेकरा ना मिलल उ साधू बा ,
guru ji ekdam sahi baat kahat baani|
fer sam ke bhet hoi
जिनिगी संवर गइल
                    गीतकार -सतीश मापतपुरी
 
जब ले लागल नेह तोहसे -जिनिगी संवर गइल.
दरपन भइल हैरान -अइसन रूप रंग निखर गइल.
एकरा से पहिले हमार जिनिगी बीरान रहे.
धड़केला दिल अइसन बात से अनजान रहे.
जब  ले तू  भरलs अन्कवारी- रात-दिन ठहर गइल.
दरपन भइल हैरान-अइसन रूप रंग निखर गइल.
होंठवा के तू पिया हंसेके सहुर देलs .
डहकत जियरा के मरहम हुजुर देलs .
मनवा में तोहके बसवली- रहिया में फूल पसर गइल.
दरपन भइल हैरान-अइसन रूप रंग निखर गइल.
रतिया में तुही-हमरी बतिया में  तुही.
मनवा में तुही-पिया अंखिया में तुही.
जब-जब गरवा लगवल-देहिया सिहर गइल.
दरपन भइल हैरान-अइसन रूप रंग निखर गइल.
बढ़िया गीत सतीश जी मन आपके संगे कल्पना के संसार में घूम आईल |
कहल जाला की इन्तजार के फल मीठ होला, इ बात साच हो गइल, हम काल्हू से टकटकी लगईले रहनी ह , अब जाके आस पुराइल ह | वाह सतीश भईया लागत बा राउर कलम भी बेलान्टिया गइल ह , गजबे श्रृंगार रस से भरल गीत प्रस्तुत कईनी रौआ | बहुत बहुत बधाई स्वीकार करी |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service