For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत के साथ आशिकी होगी (अरुन 'अनन्त')

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून
2122 1212 22

मौत के साथ आशिकी होगी,
अब मुकम्मल ये जिंदगी होगी,

उम्र का ये पड़ाव अंतिम है,
सांस कोई भी आखिरी होगी,

आज छोड़ेगा दर्द भी दामन,
आज हासिल मुझे ख़ुशी होगी,

नीर नैनों में मत खुदा देना,
सब्र होगा अगर हँसी होगी,

आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी.

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 695

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 20, 2014 at 9:22pm

आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी.

बहुत खूब कहा 

सस्नेह बधाई 

Comment by M Vijish kumar on January 4, 2014 at 1:16pm

बहुत खूब श्रीमान अरुण जी 

Comment by बृजेश नीरज on December 27, 2013 at 8:11pm

वाह! बहुत सुन्दर!

//आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी//......बहुत खूब!

आपको हार्दिक बधाई!

Comment by Saarthi Baidyanath on December 27, 2013 at 3:20pm

आज छोड़ेगा दर्द भी दामन,
आज हासिल मुझे ख़ुशी होगी

आखिरी वक्त है अमावस का,
कल से हर रात चाँदनी होगी.....आदरणीय अरुन जी बहुत ही प्यारी ग़ज़ल हुई है ....ये दो शेर खास तौर से पसंद आये ..बधाई स्वीकारें :)

Comment by Sarita Bhatia on December 27, 2013 at 2:45pm

खुबसूरत गजल 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2013 at 2:41pm

का हो !?

अच्छा लगा पढ़ते हुए.  यों, ग़ज़ल को थोड़ा और मांजा होता. शिज्जू भाई ने बढिया इशारा किया है.

शुभ-शुभ

Comment by ram shiromani pathak on December 26, 2013 at 10:19pm

बहुत प्यारी ग़ज़ल ,आध्यात्मिक बातें ,क्या? हुआ हाहाहा। ...  आदरणीय  भाई अरुण  जी  हार्दिक बधाई आपको 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 26, 2013 at 1:59pm

हार्दिक बधाई अरुण अनंतजी , इस सुंदर गज़ल की। 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 26, 2013 at 11:22am

अनंत जी

सुन्दर भावो से सजी इस गजल हेतु बधाई स्वीकार करे  i

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 26, 2013 at 10:42am

हार्दिक आभार आदरणीय जीतेंद्र भाई जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
20 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service