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दीवाली -(चोका)

आई दीवाली
जगमगायें  दीप
सबके द्वारे
माटी से सुरचित
 दीप सुन्दर
रुई की बनी बाती
स्नेह पूरित
तब मिल जलती 
बाती सुन्दर
दे  अपनी उजास
हरे उदासी
उल्लास भर देती 
घर बाहर
सागरसुता  आये
स्वर्ण कलश
धन  सुख ऐश्वर्य
दे आशीर्वाद
सबके दुख हरें
भेद भाव  की
गहरी ये  खाइयाँ 
न रहें यहाँ
अमीरी गरीबी की
सभी को मिले
 ऊर्जा और प्रकाश
उल्लास ही उल्लास .


मौलिक एवं अप्रकाशित

ज्योतिर्मयी पन्त

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Comment

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Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on October 28, 2013 at 6:06pm

बड़ी सुन्दर रचना बधाई हो 

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 7:40pm

इस चोका ने तो दीपावली के हर्ष को और भी प्रकाशमयी बना दिया है आ0 पंत जी.... हार्दिक बधाई एवं दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ....

Comment by Jyotirmai Pant on October 23, 2013 at 12:51pm

अन्नपूर्णा जी ,अभिनव अरुण जी ,गिरिराज भंडारी जी ,गीतिका वेदिका जी ,अनुराग सैनी जी ,वैद्यनाथ `सारथी ` जी आप सभी का हार्दिक आभार रचना पसंद कर उत्साहवर्धन करने के लिए .

Comment by Saarthi Baidyanath on October 22, 2013 at 4:50pm

बढ़िया प्रस्तुति ...वाह जी :)

Comment by डॉ. अनुराग सैनी on October 21, 2013 at 11:13pm

दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाये | बधाई आपको 

Comment by वेदिका on October 21, 2013 at 8:36pm

दीपावली के प्रकाशित और उल्लासित चोका के लिए हार्दिक बधाई आ0 ज्योतिर्मयि जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 21, 2013 at 8:10pm

आदरणीय ज्योतिर्मयी जी , दीपावली पर सुन्दर चोका के लिये बधाई !!!

Comment by Abhinav Arun on October 21, 2013 at 6:46am

अमीरी गरीबी की
सभी को मिले
ऊर्जा और प्रकाश
उल्लास ही उल्लास
..सुन्दर कामना प्रकाशपर्व पर ,...इसमें हमारे भी स्वर शामिल है आ. ज्योतिर्मयी जी हार्दिक बधाई !!

Comment by annapurna bajpai on October 20, 2013 at 11:04pm

आदरणीया ज्योतिर्मयी मैम! क्या  ही खूब चोका रचा है आपको बहुत बधाई । सादर 

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