For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिंदी साहित्य में अन्य भाषा साहित्य की अनेक विधाओं को स्थान मिला है. इनमें जापानी विधाएं हाइकु, तांका, चोका आदि भी शामिल हैं.

जापानी साहित्य में पहली से तेरहवीं सदी के बीच महाकाव्य-कथा शैली प्रभावी रही. इस शैली में जो विधाएं प्रयोग की गईं, उनमें चोका प्रमुख रही. जापानी काव्य के महारथियों ने चोका पर बहुत काम किया है. इस विधा में वर्णन की पूरी सुविधा है.

चोका उच्च स्वर से गाई जाने वाली एक लम्बी कविता है जो वर्ण आधारित होती है. इस विधा में ५ और ७ वर्णों के क्रम में यथा 5+7+5+7+5+7+5+7+.......पंक्तियों को व्यवस्थित करते हैं और अन्त में एक ताँका अर्थात 7 वर्ण की एक और पंक्ति जोड़ देते हैं. इसकी लम्बाई की कोई सीमा नहीं है. यह कविता मन के भाव को पूर्णता से व्यक्त करने में सक्षम है.

रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ जी का लिखा एक चोका उदहारण स्वरुप प्रस्तुत है-

ये दु:ख की फ़सलें

खुद ही काटें
ये दु:ख की फ़सलें
सुख ही बाँटें 
है व्याकुल धरती
बोझ बहुत 
सबके सन्तापों का
सब पापों का
दिन -रात रौंदते
इसका सीना
कर दिया दूभर
इसका जीना 
शोषण ठोंके रोज़
कील नुकीली
आहत पोर-पोर
आँखें हैं गीली
मद में ऐंठे बैठे
सत्ता के हाथी
हैं पैरों तले रौंदे 
सच के साथी
राहें हैं जितनी भी
सब में बिछे काँटे ।
-----------------------

चोका विधा की विशेषताओं पर हम एक बार फिर चर्चा कर लेते हैं-

१-  इसे वर्णों की गिनती के आधार पर लिखते हैं.

२-  इसमें पंक्तियाँ ५ और ७ वर्णों के क्रम में व्यवस्थित होती हैं. जैसे- ५+७+५+७+.....

३-  इसकी लम्बाई की कोई सीमा नहीं है.

४-  अंत में एक तांका अर्थात ५+७+५+७+७ जोड़ना होता है. तो क्रम ऐसा होगा- ५+७+५+७+.......५+७+५+७+७. दूसरे शब्दों में हम कहें तो अंत में ७ वर्णों की एक पंक्ति और जोड़ना होता है.

५-  पंक्तियों की संख्या सदैव विषम होती है.

६-  अर्ध वर्णों की गिनती नहीं की जाती है.

७-  जापान में ये कविता उच्च स्वर में गाई जाती रही है.

८-  सबसे महत्वपूर्ण बात कि प्रत्येक पंक्ति स्वतंत्र होती है अर्थात कोई पंक्ति अर्थ के लिए दूसरी पंक्ति पर निर्भर नहीं करती है.

                                                                       - बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

Views: 2989

Replies to This Discussion

नयी विधा से परिचय कराने के लिये आपका आभार !!!!

आदरणीय गिरिराज जी आपका हार्दिक आभार!

/// सबसे महत्वपूर्ण बात कि प्रत्येक पंक्ति स्वतंत्र होती है अर्थात कोई पंक्ति अर्थ के लिए दूसरी पंक्ति पर निर्भर नहीं करती है. ///  आदरणीय अगर अर्थ के लिये निर्भरता हो तो क्या गलत बात होगी ?

आदरणीय गिरिराज जी हर विधा की अपनी विशेषता होती है जो उसे अन्य विधाओं से अलग करती है. जापानी विधाओं हाइकु, चोका की ये खास बात होती है कि उनमें हर पंक्ति अर्थ के लिए स्वतंत्र होती है, दूसरी पंक्ति पर निर्भर नहीं करती.

यदि ये नियम न हो तो अतुकांत कविता और चोका में अंतर क्या रह जायेगा.

सादर!

आदरणीय बृजेश भाई , संसय दूर करने के लिये आपका आभार !!!

आदरणीय गिरिराज जी, मैंने अपनी जानकारी भर अपना पक्ष रखने का प्रयास किया है. मेरा प्रयास ये है कि इन नयी विधाओं पर चर्चा हो जिससे कि इस मंच के सदस्यों के लिए उन पर कार्य करना सुगम हो सके!

नयी विधा से परिचय कराने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ..........

आदरणीय श्याम जी आपका हार्दिक आभार!

बहुत बहुत आभार आप का आ० बृजेश जी इस नई विधा से परिचित कराने के लिए ..

आदरणीया मीना जी आपका स्वागत है!

आदरणीय बृजेश सर नमस्कार,
लेखन की इस विधा चोका की जानकारी करवाने के लिए आपका आभार ।

आदरणीय माथुर साहब, मैंने अपनी जानकारी साझा की है. इच्छा यही है की अन्य लोगों के पास जो जानकारियां हों, वे भी साझा करें जिससे कि इस विधा पर सभी सदस्यों के लिए कार्य करना सुगम हो सके!

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
4 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
5 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
6 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
8 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service