For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रेम का कड़वा अनुभव ( घनाक्षरी छंद )

बन गया हूँ भिखारी ,लगी थी प्रेम बीमारी !
थोड़ी दया दिखाकर ,मुझको बचाइये !
मुझको ऐसा निचोड़ा ,अब कहीं का ना छोड़ा !
जान बच जाय ऐसी ,युक्ति तो बताइए !!


माना गलती हो गयी ,थोड़ी देर कर गया !
बालक समझकर ,कष्ट से उबारिये !
कान पकड़कर अब ,माफ़ी मांगता हूँ भाई !
दुर्दशा को देखकर ,हंसी ना उड़ाइए !

राम शिरोमणि पाठक "दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 16, 2013 at 3:16pm

सुंदर प्रयास है भाई साहब किंतु आदरणीय अशोक सर के कहे से सहमत हूँ
गेयता कुछ बाधित है प्रयासरत रहिए
बधाई हो इस सृजन हेतु

Comment by ram shiromani pathak on May 16, 2013 at 2:01pm

आदरणीय अशोक सर आगे से ध्यान दूंगा //हार्दिक आभार

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 15, 2013 at 10:18pm

भाई राम शिरोमणि जी घनाक्षरी पर सुन्दर प्रयास हुआ है, बहुत बहुत बधाई स्वीकारें, किन्तु मित्र गेयता बहुत बाधित लग रही है. 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 14, 2013 at 10:20pm

आ0 राम शिरोमणि जी,  प्रिय मित्र, सुन्दर हास्य पुट हार्दिक बधाई स्वीकारें,   सादर,

Comment by ram shiromani pathak on May 14, 2013 at 3:54pm

आदरणीय भाई राजेश  जी हार्दिक आभार  \\\\सादर  

Comment by ram shiromani pathak on May 14, 2013 at 3:54pm

आदरणीय प्रदीप जी हार्दिक आभार  \\\\सादर  

Comment by ram shiromani pathak on May 14, 2013 at 3:53pm

आदरणीया कुंती जी अपने उचित ही कहा है ,लेकिन ये मेरी समस्या नहीं थी मेरे एक मित्र है ,वो अपनी कथा सुना रहे थे! बस उसी पर मैंने चार लाइन लिख दिया \\\\सादर  

Comment by राजेश 'मृदु' on May 14, 2013 at 3:31pm

चलिए कम से कम आपने गलती तो मान ही ली, तो बधाई भी लीजिए इस घनाक्षरी पर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 14, 2013 at 1:31pm

अब तो माफ करना ही पड़ेगा 

दीपक जी 

सस्नेह बधाई 

Comment by coontee mukerji on May 14, 2013 at 10:57am

प्रेम हो जाना या प्रेम करना कोई बुरी बात नहीं , प्रेम में दिमागी संतुलन खोना बुरी बात है , जो कोई ज़मीन पर पैर टिकाकर प्रेम से मुखातिब होता है  वहीं  जिंदगी में सफ़ल होता . प्रेम की राह में छोटी बड़ी बाधाएँ बहुत आती है.जीवन बहुत सुंदर है अगर एक राह बंद होती है तो दुसरी राह निकल ही आती है.......आत्मग्लानी त्याग कर भैया कदम आगे बढ़ाइये./ सादर / कुंती .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर खुशी हुई। हार्दिक आभार आपका। बहुत बहुत…"
2 seconds ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय वामनकर सर,आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सर्जन सार्थक हुआ। हार्दिक आभार।🙏"
1 minute ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय गणेश बागी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। जो बात आदरणीय तिलकराज कपूर जी ने कही है उस पर…"
6 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह,वाह,पर्यावरण पर बेहतरीन ग़ज़ल। बधाई हो आद. धामी जी।"
9 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण की चिंता में कही गयी लाजवाब ग़ज़ल आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी। हार्दिक बधाई।"
11 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपने जो बात कही उस पर ध्यान दूंगा। सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
12 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर सर मेरी प्रस्तुति को मान देकर उत्साहवर्धन हेतु आपका दिल से आभार। 🙏"
14 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय डॉ. प्राची सिंह जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
15 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, आपकी टिप्पणी का स्वागत। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
18 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी,  प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया कुंडलिया छंद लिखे है। दोनों…"
18 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपके शानदार सार छंद पढ़कर आनंद आ गया। इस प्रेरित करती प्रस्तुति हेतु…"
27 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"प्रस्तुति क्रमांक - 2 - "कुण्डलिया छंद" - ============================ 1- हरियाली कम हो…"
29 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service