For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1 - 8 !
*******
अगरबत्ती 
महकता जीवन 
जब जलती .
-------
धुआं ही धुआं 
तेरी यादों का तन 
जब भी छुआ ..
--------
लगे जताने 
छलकते पैमाने 
लोग सयाने ..
-------
जाम  छलके 
हलक तर हुआ 
हुए हलके 
-------
जानवर है 
क्या बिगाड़ पाओगे !
नामवर है ..
------
कागज़ी घोड़े 
चाबुक रिश्वत की 
रुकते थोड़े!
------
खबरें पढ़ी 
अखबार बिछाया 
नींद दो घडी ..
-----
जलता दीया 
लपलपाती बाती 
नाजुक हीया 
---------------------------------
अविनाश बागडे...

Views: 497

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on November 3, 2012 at 8:40pm
मेरे हाइकू ने आप के ह्रदय को स्पर्श किया 
आभार डॉक्टर प्राची जी 
आभार राजेश कुमारी मैम 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 2, 2012 at 8:47pm

कागज़ी घोड़े 

चाबुक रिश्वत की 
रुकते थोड़े!
------
खबरें पढ़ी 
अखबार बिछाया 
नींद दो घडी-----------ये दोनों हाइकु बहुत ख़ास लगे

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 2, 2012 at 8:45pm

अविनाश बागडे जी सभी हाइकु शानदार व् सार्थक हैं बधाई आपको 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 2, 2012 at 6:09pm

बहुत बढ़िया हाइकू आ. अविनाश बागडे जी 

कागज़ी घोड़े 

चाबुक रिश्वत की 
रुकते थोड़े!...............सही बात 
हार्दिक बधाई 
Comment by AVINASH S BAGDE on November 2, 2012 at 12:45pm

आभार shalini kaushik mam..

Comment by AVINASH S BAGDE on November 2, 2012 at 12:45pm

आदरणीय Vinita Shukla  जी आभार 

Comment by AVINASH S BAGDE on November 2, 2012 at 12:44pm

आदरणीय सौरभ जी ..बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 2, 2012 at 11:16am
भाई अविनाशजी, आपके हाइकू अच्छे बन पड़े हैं.  इस प्रस्तुति से इन दो हाइकुओं पर आपको विशेष धन्यवाद कह रहा हूँ.
जानवर है 
क्या बिगाड़ पाओगे !
नामवर है ..      
खबरें पढ़ी 
अखबार बिछाया 
नींद दो घडी ..
पुनः बधाई.. .
Comment by Vinita Shukla on November 2, 2012 at 8:46am

सुन्दर हाइकू, प्रभावी अभिव्यक्ति के साथ; बधाई आ. अविनाश जी.

Comment by shalini kaushik on November 2, 2012 at 12:33am

nice presentation 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service