For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़लशाला ( आप भी जाने कि ग़ज़ल कैसे कही जाती है )

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सम्मानित सदस्यों,
सादर अभिवादन,
मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आदरणीय श्री पुरुषोतम अब्बी "आज़र" जी द्वारा प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को "ग़ज़ल कैसे कही जाती है" विषय मे विस्तृत चर्चा की जायेगी, आप सब से अनुरोध है कि श्री "आज़र" साहब के अनुभवों से लाभ उठाये,
धन्यवाद |

Views: 4100

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय गुरु जी चरण वंदना
सुना था देखा नहीं था कि धरती पर स्वर्ग होता है वैसे तो मैं दिल्ली कोमन वैल्थ गेमस देखने गया था किंतु
दो दिन आपके निवास स्थान पर रह कर यह पाया की मैं अनाथ नही हूं आपकी डांट के पिछे छुपा असीम प्रेम
का अनुभव ले कर लखनऊ लौटा हूं ! आपकी नजरों में न कोई छोटा है न बडा है मेरा यह जीवन आपके चरणो
में बैठ कर अवश्य किसी मंजिल तक पहुंचेगा !

आपका अनुज
आदरणीय आज़र साहिब, संत कबीर जी की रचना का उदहारण देकर जिस तरह से बात आपने समझाई है - वो काबिल-ए-तारीफ है ! बहर-ए-हज़ज़ का ये स्वरुप वाकई बहुत मकबूल और दिलकश है ! आपका यह पाठ पढ़कर वाकई बहुत सुकून हासिल हुआ ! सादर !
Azer ji ...........

mai to kabse prateekhsa mai huN

teen week ho gaye hai, intzaar mai aap kuch sikhana shuru karenge
copy kalam liye baitheN haiN hum

...
azer ji ......
aapke guru ji ... sh. निश्तर खानकाही साहिब .... ki ghazal padhi.......... kamaal ki shayri hai unki, kyaa aap unki likhi ghazleN uplavdh kara sakteN haiN.....

aap sach mai bahwgaan raheN hai , unse seekhne ko mila aapko...
आदरणीय पुरुषोत्तम अब्बी आज़र जी !! मै कक्षा में देर से आई हूँ अतः पाठ में और सभी से पीछे हूँ किन्तु मै इस पाठ का आनंद ले रही हूँ..जानकारियों का खजाना .. बहुत सुन्दर.. धन्यवाद
अभी-अभी मेरी निगाह पड़ी गजलशाला में. प्लीज, मुझे भी सीखना है. मुझे शुरू की क्लास की सारी बातें बतायें कि गजल कैसे लिखी जाती है..क्या-क्या सीखना होगा ? रदीफ, काफिया, मतला आदि का अर्थ कुछ भी नहीं पता मुझे. मैं कक्षा १ की छात्रा हूँ. अब तक के जितने पाठ हो चुके हैं..उन्हें मैं कापी-पेस्ट करके सीख लूँगी..लेकिन वो पाठ कहाँ हैं ? हेल्प !!

Purushottam Ji,
Mujhe aaj hi pata chala ghazal ki class jo aapke dwara chalayi ja rahi hai, mahatvpurn jaan kaari ke liye dhanyavaad.
Maine bhi kuchh ghazlen likhi hain per kabhi kuchh thoda maatra ginney mein confusion rehta hai. Is ko kis tarah se aur achchi tarah se mein thick karun, kripya marg darshan karen.
Bahron ka aapne zikr kiya 34 hain, maine ek pustak PADITHI PRACHLIT 9 BAHRON per log zyada likhtey hain.
aapne kya kuchh nayi behren ijaad ki hain, kya koi apni behr apne dhang se bana sakta hai?
Jaise geet mein geetkaar terz ke anusaar line likhta hai to usmein koi behr ka palan nahin hota.
Geet ka ek apna meter hota hai, jisey gungunakar log geet likhte hain.
Surinder Ratti - Mumbai.

GOOD

es link ko saabhaar nimnaankit facebook proup me jn hit sukhay jn hit nkaaay post kiya hai ..asha hai aap ka asheerwaad vhaan pe bhee mile ga ... deep zirvi

 

 

http://www.facebook.com/home.php?sk=group_177264138972243

ग़ज़ल की पाठशाला में आज़र जी का अंतिम पाठ (अंक ९) दिनांक October 29, २०१० को प्रकाशित हुआ है और उसके बाद पाठ प्रकाशित न होने पाने की कोई सूचना नहीं दी गई है
 मैं ये जानना चाहता हूँ की क्या आज़र जी ने यहाँ लिखना बंद कर दिया है ?

श्री पुरुषोतम अब्बी "आज़र" जी की सदस्यता ओपन बुक्स ऑनलाइन के नियम १(ख) के तहत निलंबित कर दी गई है तथा अगली सूचना तक गज़लशाला का आयोजन बंद किया जाता है|

सादर सूचनार्थ |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई , क्या बात है , बहुत अरसे बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ा रहा हूँ , आपने खूब उन्नति की है …"
32 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" posted a blog post

ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है

1212 1122 1212 22/112मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना हैमगर सँभल के रह-ए-ज़ीस्त से गुज़रना हैमैं…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधकह दूँ मन की बात या, सुनूँ तुम्हारी बात ।क्या जाने कल वक्त के, कैसे हों…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service