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दिल लगाने को तुला है

नापाक इरादे से दिल लगाने को तुला है,
इक शक्स मेरी हस्ती मिटाने को तुला है,
  
हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है,

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है,

धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर,
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है,

आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर,
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है,



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Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 2:33pm

बहुत बहुत शुक्रिया अरुन भाई

Comment by Arun Sri on July 12, 2012 at 1:32pm

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है, ........... अलग और उम्दा ख्याल ! बढ़िया !

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 12:48pm

संदीप जी आपको पसंद आई, यही बहुत बड़ी बात है.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 12, 2012 at 12:07pm

अच्छी  ग़ज़ल कहने का प्रयास किया मित्र सादर बधाई स्वीकार करें

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 12, 2012 at 10:52am

दीप्ति जी, रेखा जी, भ्रमर जी, उमाशंकर मिश्र जी और खत्री जी, आप सभी का स्नेह पाकर मैं धन्य हो गया. तहे दिल से शुक्रिया.

Comment by Albela Khatri on July 12, 2012 at 9:25am

वाह अरुण जी वाह !
बहुत खूब !
________बधाई !

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 11, 2012 at 11:19pm

सौदागर है, दिलों का व्यापार करता है,
धंधा है यही वो जिसको, बढ़ाने को तुला है, वाह वाह  है अरुण भाई वाह वाह

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 11, 2012 at 10:20pm

धमकी दे रहा है, सीने पर मेरे चढ़कर, 
जालिम है जबरजस्ती, डराने को तुला है, 

आता है नए - नए रोज़, दावं सीख कर, 
मेरे जीवन को जुए में, हराने को तुला है, 

मत डरना तूफानों से प्यारे ये दीप बुझाने आयेंगे 
सर थोडा झुका उठा फिर लेना ये रोते ही जायेंगे 
भ्रमर ५

 

Comment by Rekha Joshi on July 11, 2012 at 9:39pm

अरुण जी 

हजारों किये हैं जुर्म मगर सजा कोई नहीं,
मुझको भी गुनाहों में फ़साने को तुला है, क्या कहने ,बहुत खूब ,बधाई 
Comment by deepti sharma on July 11, 2012 at 7:08pm

वाह बहुत खूब 

बधाई आपको 

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