For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नीम में लगती दीमक
रिश्तों में मिठास नहीं
डूब गयी आशा किरण
एक दूजे पे विश्वास नहीं
रिश्तों का प्रबल क्षरण
जुड़ने के आसार नहीं
घर घर छिड़ा अब रण
मीठा स्वप्न संसार नहीं
चन्दन लिपटत न भुजंग
शीतलता का वास नहीं
माता करती भ्रूण भंग
नारी के संस्कार नहीं
भूल गए करना सत्संग
जीवन से अब प्यार नहीं

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:03pm

धन्यवाद, योगी जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:03pm

आदरणीय सौरभ गुरुदेव सर जी, सादर अभिवादन.

कोशिश में ही झूम गए. बहुत बड़ा आशीर्वाद है मेरे लिए. 

आभार. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:01pm

धन्यवाद, आदरणीय बागडे जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 5:00pm

धन्यवाद आदरणीय पटेल जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 4:59pm

धन्यवाद आदरणीय अलबेला जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 4:59pm

धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on September 21, 2012 at 4:58pm

धन्यवाद स्नेही गौरव जी, सादर 

Comment by Yogi Saraswat on June 22, 2012 at 3:57pm

शीतलता का वास नहीं
माता करती भ्रूण भंग
नारी के संस्कार नहीं
भूल गए करना सत्संग
जीवन से अब प्यार नहीं

बहुत  सुन्दर  रचना  आदरणीय  प्रदीप  कुशवाहा  जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 21, 2012 at 11:47pm

आपकी भली कोशिश पर हम झूम गये .. .

बधाई.. .

Comment by AVINASH S BAGDE on June 21, 2012 at 3:40pm

नीम में लगती दीमक 
रिश्तों में मिठास नहीं
डूब गयी आशा किरण 
एक दूजे पे विश्वास नहीं wah.....

aadarniy DEEMAK ji ko samarpit doosari(post pahali) rachana(Deep ki)

 

nice Pradeep ji.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service