For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुफ़्तगू पब्लिकेशन इलाहाबाद द्वारा इम्तियाज़ अहमद गाज़ी के संपादन में ग़ज़ल संग्रह "मुल्के ग़ज़ल" प्रकाशित किया जा रहा है जिसके प्रत्येक भाग में १५० शायरों की ६-६ ग़ज़ल, साहित्यिक परिचय और फोटो प्रकाशित किया जायेगा
पुस्तक का पहला भाग प्रेस में है और दूसरे भाग की तैयारी शुरू हो गई है
ओ.बी.ओ. परिवार से दूसरे भाग में प्रकाशनार्थ ग़ज़लें आमंत्रित हैं


{पुस्तक का मूल्य २५० रुपये है परन्तु ओ बी ओ सदस्यों को मात्र २०० रुपये में प्राप्त होगी, पुस्तक रजिस्ट्री द्वारा भेजी जायेगी और डाक खर्च भी प्रकाशक द्वारा वहन किया जायेगा, यह लाभ प्राप्त करने के लिए पत्र में ओ.बी.ओ. सदस्यता का जिक्र अवश्य करें }
भाग २ में प्रकाशनार्थ ग़ज़लें जल्द से जल्द भेज दें
----------------------------------------------------------------------------------

आपको भेजना है =

ग़ज़लें = अपनी १० प्रतिनिधि ग़ज़लें जो कि अरूजनुसार बाबह्र हों, दोषमुक्त हों, कम्प्युटर द्वारा टाईप की गई हों अथवा साफ़ सुथरी हस्तलिपि में हो

परिचय = नाम, उपनाम (यदि हो), जन्मतिथि, शिक्षा, सम्प्रति, रचना विधा, प्रकाशित पुस्तकें, पुरूस्कार/ सम्मान, निवास, मोबाईल, ईमेल, ब्लॉग/ वेवसाईट आदि 

फोटो  = २ नई पासपोर्ट साईज रंगीन फोटो 

आपका नाम पता लिखा हुआ एक पोस्टकार्ड और एक लंबा लिफाफा जिसमें ५ रूपये का टिकट लगा हो
----------------------------------------------------------------------------------

भेजने  का पता -
गुफ्तगू प्रकाशन
इम्तियाज अहमद गाजी
१२३/१  हरवारा धूमनगंज इलाहाबाद - २११०११
मो - 9889316790

Views: 1417

Reply to This

Replies to This Discussion

क्या ग़ज़लें भेजने की कोई अंतिम तिथि भी है ?

अभी कोई अंतिम तिथि तय नहीं है, अंतिम तिथि समयानुसार श्री वीनस केशरी जी द्वारा बता दिया जायेगा |

धन्यवाद बागी सर !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकने लगेंगे। आपकी…"
18 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे…"
35 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मिसरो को और…"
44 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी  अच्छे…"
52 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"ये दुनिया है दरिया उतर धीरे धीरे चला जा इधर से उधर धीरे धीरे वो नज़रें झुकाए अगर धीरे धीरे उतर ही न…"
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"निखर जायेंगे कम हुनर धीरे-धीरेअच्छा कहा अजेय जी         "
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कार आभार आपने ग़ज़ल पर चर्चा की।  पहुंचे नहीं पहुंचें लिखा है अर्थात पहुंचेंगे। फिर भी…"
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी    "
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"बहा ले न जाए सँभल तेज़ धाराजहाँ उठ रहा है भँवर धीरे-धीरे।२। आपकी ही की बात और सरल शब्दों में तुझे…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हुआ आदमी जानवर धीरे-धीरे   जहाँ हो गया चिड़ियाघर धीरे-धीरे  लगा मानने…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"गिरह के शेर में 'जहाँ जल्दबाज़ी में पहुँचे थे कल तुम' कहना सहज होता।  रदीफ़ क़ाफ़िया…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service