For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तेरे साथ की जरुरत है

तन की नक्काशी कही धोखा ना देदे

मन से पुकारे की एक आवाज की जरुरत है

साथ तेरे चलने से जले या ना जले दुनिया

पर क़यामत तक चले की तेरे साथ की जरुरत है

 

 

झुर्रियाँ बाल सफ़ेद

सब उम्र के फरेब

तन न भाया भाया मन

दिल में दिखा न ऐब

दिल-ए-जज़्बात को तेरे जज़्बात की जरूरत है

 

 

ईट पत्थर से कोई घर न बना है

पत्थर जड़ा के ताज में कोई सुन्दर न बना है

अपनों की दुआ मिले

तो घर भी बना ले

दिल जीत लाए तो सुन्दर भी बना ले

आशीर्वाद देता रहे उस हाथ की जरुरत है

 

 

है नयी दुनिया पर दस्तूर पुरानी

प्रेम सच्चा हो तभी चलती है कहानी

मै दिल से बात करता

तू भी दिल से बात कर

न मै किसी से डरता

न तू किसी से डर

दुनिया नयी होगी पर बात पुरानी

प्यार खरा हो तभी बढती है कहानी

 

 

: शशिप्रकाश सैनी

Views: 477

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shashiprakash saini on March 13, 2012 at 7:09pm

सराहना हेतु आभार संदीप जी 

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 11, 2012 at 7:39pm

आदरणीय शशिप्रकाश जी,

बहुत ही उम्दा भावों की प्रस्तुति| साभार,

Comment by shashiprakash saini on March 11, 2012 at 2:36am

आप सब ने मेरे भावो को सराहा इस के लिए दिल से आभारी हू 

सौरभ सर , आनंद जी , डॉ. प्राची जी और प्रदीप जी का धन्यवाद 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 10, 2012 at 10:42pm

ईट पत्थर से कोई घर न बना है
पत्थर जड़ा के ताज में कोई सुन्दर न बना है
अपनों की दुआ मिले
तो घर भी बना ले

वाह !

दस्तूर संभवतः पुल्लिंग है. कृपया आश्वस्त होलें.

शुभेच्छा

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 10, 2012 at 6:52pm

ईट पत्थर से कोई घर न बना है

पत्थर जड़ा के ताज में कोई सुन्दर न बना है

अपनों की दुआ मिले

तो घर भी बना ले

दिल जीत लाए तो सुन्दर भी बना ले

आशीर्वाद देता रहे उस हाथ की जरुरत है

अपनो की दुआ बहुत ज़रूरी है. बधाई. 

Comment by shashiprakash saini on March 10, 2012 at 12:33pm

सराहना हेतु आभार मीनू जी 

Comment by minu jha on March 10, 2012 at 11:12am

सैनी जी

सच कहा आपने,साथी मनचाहा हो तो तकलीफें भी अच्छी लगने

लगती है,सुंदर रचना

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service