For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज सब जानत बा की भोजपुरी कवन तरह से फईलत बा| . आज जहाँ कुछ लोग भोजपुरी के उठान में आपन जी-जान लगा दिहलें बाटे उहवे कुछ 'करता'-'धर्ता' लोग एके बदनाम करे में कवनो कसर नाही छोड़त बाड़े| . ई बात एकदम सही बा की आज आपन भाषा , आपन बोली 'भोजपुरी' ना बस 'भारत' में बल्कि पूरा 'संसार ' में बहुत तेजी से फैलत बा |. ई हमनी के भाषा के उत्थान होत बा लेकिन ई जेवन तरह से, जेवन 'माध्यम' से फैलत बा इ बात पे ध्यान देहला के जर्रूरत बा |.

5 साल पहिले , २००५ में जब हम पहिली बार आपन 'घर-दुवार ' छोड़ के बाहर गईलीं त हमके पता चलल की का महत्व बा हमरे भोजपुरी के |. लोग जे की "गैर-भोजपुरी " रहे एके सुन के बड़ा खुश होवे |. सब लोग कहे की ई भाषा बहुत "मीठ " लागेले , बाकिर आज की इस्थिति पर बिचार करे के जरूरअत बा . आज जबकि हम लखनऊ में रहेलिन केहू (गैर भोजपुरी) से भोजपुरी म बात करे में लाज आवेला |. काहे की लोग एके सुनल ना पसंद करेलन |. आप सब लोग जान सकत बानी की एकर एके कारन बा |, आज काल्ह के गाना , आ फिलिम |.

कवनो चीज के कहला के एगो ढंग होवेला . कवनो कायदा, क़ानून होवेला |. आज जेवन ई एकदम असभ्य मतीन आ खराब से ख़राब , फूहड़ से फूहड़ शब्द के प्रयोग होत बा गाना में ई भोजपुरी के और भोजपुरी समाज के ज़लील करत बा |. लोगन के आपन संस्कृति ना भूले के चाही |. केतना तेज बदलत बा भोजपुरी के स्वरुप सबे देखत बा |. का इ तरह से बदले के चाही , हम आप सब लोगन से पूछत बानी |.

इतनी फूहड़ गानन पर कुछ त रोक होवे के चाही . वाह रे आज के 'गाना' की केहू 'परिवार' के साथे ना सुन सकत बा |. हम गीतकार लोगन से हाथ जोड़ के विनती करत बानी की आप लोग इ तरह के गाना ना लिखी |. मत बदनाम करी आपन भोजपुरी के आपन समाज के |. का आप सब गीतकार लोगन के ईहे औकात बा ? कबो त कुछ बढियां लिखला क कोशिश करीं | सब गायक लोग जे की 'लाज' - 'शर्म' घोर के पी गईल बा लोग कुछ त लाज करीं .

हम सब भोजपुरी भाई लोग से विनती करत बानी की आपन भाषा के बदनाम होवे से बचा लीं . 4 पैसा की चक्कर में खुद के इतना ना बदनाम करे के चाही |. ई लोग आज के 'CELEBRITY' बा , लेकिन ई लोग के हालत ई बा |. हम त ईहे कहब की कवनो चीज अपने हद में रही त ठीक ना त कुछ भी मिटे म देर ना लागेला |. हम सब भाई -बहिन लोगन से भोजपुरी के उत्थान खातिर कुछ ना कुछ करे के कहत बानी |. हम ई ना कहत बानी की आप लोग बस भोजपुरिये पढ़ा , लेकिन यथा संभव भोजपुरी में भी योगदान करा |.

'जय भोजपुरी '

Views: 983

Replies to This Discussion

धन्यवाद 'गुरु जी'
आशीष जी राउर चिंता जायज बा, आज भोजपुरी के पतन भोजपुरियन के वजह से ही हो रहल बा, भोजपुरी फ़िल्म आ गीत आज अश्लीलता के पर्याय बनल जात बा, हमारा याद बा जब हम NCC कैंप के सांस्कृतिक कार्यक्रम मे भोजपुरी गीत गावे से हमारा के रोक दिहल गइल रहे कि भोजपुरी गीत ह त जरूर अश्लील होई, हमरा बहुत समझावला के बाद अनुमति मिल सकल, आज हम एगो भोजपुरी बिरहा जवन कृष्ण राधा के लेकर गावल गइल बा बाकी तर्ज के नाम पर ऐसन ऐसन फूहड़ गीत गावल बा कि हम का बताई, मजा के त ई बात बा कि तर्ज ७ मिनट गावल जात बा जबकि वोपर आधारित गीत ३ मिनट,
कवनो चीज के अति ख़राब होला अगर दोसर शब्द मे कही त चरम अवस्था पतन के कारण होला, कही ई चरम के अवस्था त नईखे आ गइल ?
आशीष जी, बहुत वाजिब बात रउरा ईहाँ उठवले बानी । भोजपुरी फिल्म होखे भा फिल्मी गीत - परिवार के संगे बइठ के देखे-सुने लायक नइखे रह गइल । भोजपुरी फिल्म के तऽ अइसन हाल हो गइल बा कि बुझाते नइखे कि भोजपुरी समाज चाहे भोजपुरी संस्कृति आ सभ्यता से एकर दूर-दूर के भी नाता रह गइल बा । जब फिल्म अइसन होखी तऽ ओहमें गीत कइसन रही एकर सहज कल्पना कइल जा सकेला । एकरा वजह से भोजपुरी भाषा के बदनामी हो रहल बा । हमरा विचार से अइसन फिल्म आ गीत-संगीत के वहिष्कार कइल ही सबसे बढ़िया उपाय हो सकेला ।
bada hi badhiya baat uthawle baani sir.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
13 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
16 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय सुधार कर दिया गया है "
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Monday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service