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केसे पूछीं के बतलाई आइल कवन ज़माना, हौले-हौले मरदा बोले डांट के बोले जनाना.
बाल कटाके लट बिखराके झट से गोरी पैंट चढ़ावे, काला चश्मा नाक के ऊपर हाथ में काला पर्स झुलावे.
एड़ीवाला सेंडिल पहिन के स्कूटर के किक लगावे, जाते- जाते मरद के भइया चावल -दाल के नाप बतावे.
जोरू दफ्तर घर -घर में चुल्हा फूंके मरदाना, केसे पूछीं------------------------------------------------------------
शहर से पढ़के बबुआ अइलन गाँव में आपन रंग देखवलन, हाथ नचाके पैर घुमाके मुंह बिचाकाके रैप सुनवलन.
खाला -उंचा गोड़ परल त मुंह के बल बबुआ गिर गइलन, देख के इनकर रंग- ढंग गाँव के लोग दंग रह गइलन.
दाँत त अइसे टुटल जइसे फुटेला बीजदाना, केसे पूछीं -----------------------------------------------------------------
प्यार में प्रेमी कान में कहलन सुन दिलवरजानी, तू ही हमरा मन के देवी तू ही मन के रानी.
धड़केला इ दिल बस सुनके गोरी तोहरे नाम , ना आवे एतबार त सुन ल गोरी लगाके कान.
दिल छोड़ देवी जेब में झांके देखे बदे खज़ाना, केसे पूछीं ---------------------------------------------------------------
बुढ़वा ढिबरी बार के पढ़े बचवा नाक बजावे, देखिह बाबू आँख न लागे रही-रही के धमकावे.
इम्तहान में देखिके परचा बचवा नीचे झांके, दउड़ - दउड़ चिट फेंके बुढ़वा कुक्कुर लेखा हांफे.
बाप चुकावे मापतपुरी बेटा के जुरमाना, केसे पूछीं ----------------------------------------------------------------------
गीतकार - सतीश मापतपुरी
मोबाइल - 9334414611

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Replies to This Discussion

हेतना बरियार रचना पढ़ मन हरिहर हो गइल भाई, बहुत दिन बाद अईसन बवाली रचना भोजपुरी मे आइल बा, वाह भाई मापतपुरी जी रौवा त गरदा उड़ा दिहनी , अब हम केसे पूछी ? जय हो !
सतीश जी । बहुत नीमन रचना बा । खूब धमाके दार ।

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