For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 2122 2122
बहते दरिया की रवानी लिख रहे हैं
सब यहाँ अपनी कहानी लिख रहे हैं

आंसुओं से बह रहा मेरे लहू औ'
आप हैं जो इनको पानी लिख रहे हैं

नींद आंखों से हुई है आज मिन्हा
चोट हम कोई पुरानी लिख रहे हैं

कह नहीं पाते थे तुमसे जो कभी वो
बात गज़लों की जुबानी लिख रहे हैं

तू अलग होकर भी मुझसे ही जुड़ी है
अपने किस्से को लाफ़ानी लिख रहे हैं

जो चलाये थे कभी बरसात में हम
कश्ती औ' बारिश का पानी लिख रहे हैं

जो सुनाती थी मुझे गोदी में अपने
अम्मा लोरी वो सुहानी लिख रहे हैं

-मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 877

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on December 5, 2020 at 12:01pm

जनाब सचिन कुमार जी आदाब, ख़ूबसूरत भाव के साथ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।

Comment by Samar kabeer on December 3, 2020 at 2:34pm

मिन्हाँ

Comment by Samar kabeer on December 3, 2020 at 2:33pm

तहज़ीब हाफ़ी की ग़ज़ल में 'मिन्हा' नहीं "मिन्हहाँ" शब्द है ।

Comment by सचिन कुमार on December 3, 2020 at 12:11pm

मिन्हा शब्द तो उर्दू का ही है...एक ग़ज़ल में पढ़ा था ...ख्वाबों को आंखों से मिन्हा करती है...नींद हमेशा मुझसे धोखा करती है...तहजीब हाफी की ग़ज़ल में पढ़ा था....हो सकता है इसका सही प्रयोग नही हुआ हमसे...लाफ़ानी में ला की मात्रा नहीं गिराई जा सकती..इसपर और प्रकाश डाले सर..वरना ऐसे शब्दों पर आगे और गलतियां होंगी मुझसे

Comment by Samar kabeer on December 3, 2020 at 12:05pm

// क्या हम इसमे लाफ़ानी को 122 नही ले सकते है//

'लाफ़ानी' को 122 पर नहीं ले सकते ।

'मिन्हा' शब्द किस भाषा का है?

Comment by सचिन कुमार on December 3, 2020 at 10:19am

ये मेरा पहला प्रयास था ...आप गुणी जनों इसे बस पढकर सार्थक कर दिया....समर सर मेरी गलतियों को गिनाने का शुक्रिया आगे से और सीखकर फिर लिखूंगा.....मिन्हा का अर्थ मैंने घटकर कम होना, अलग होना ये लिया है....अपने किस्से को लाफ़ानी लिख रहे हैं.... क्या हम इसमे लाफ़ानी को 122 नही ले सकते है

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 3, 2020 at 10:09am

आ. भाई सचिन जी, अच्छी गजजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 2, 2020 at 12:45pm

ग़ज़ल भावपूर्ण है मित्र...आदरणीय समर जी ने सार्थक समीक्षा की है।

Comment by Samar kabeer on November 29, 2020 at 8:36pm

जनाब सचिन जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

'नींद आंखों से हुई है आज मिन्हा'

इस मिसरे में 'मिन्हा' का अर्थ बताने का कष्ट करें ।

'अपने किस्से को लाफ़ानी लिख रहे हैं'

ये मिसरा बह्र में नहीं है, देखियेगा ।

'जो चलाये थे कभी बरसात में हम

कश्ती औ' बारिश का पानी लिख रहे हैं'

इस शैर के ऊला में 'चलाये थे' वाक्य विन्यास ठीक नहीं, और सानी में 'और' शब्द की मात्रा गिराकर "औ" लिखना उचित नहीं, 'और' ही लिखें,पढ़ने वाला मात्रा गिराकर पढ़ लेगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
59 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service