For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राज़ नवादवी: एक अंजान शायर का कलाम- ६६

२१२२ २१२२ २१२२

है वो मेरा दोस्त, मेरा नुकताचीं भी
शर्म खाए उससे कोई ख़ुर्दबीं भी //१

काविशे सुहबत में आके मैंने जाना
हाँ में उसकी तो छुपा था इक नहीं भी //२

जब उफ़ुक़ पे सुब्ह लाली खिल रही थी
थी हया से सुर्ख थोड़ी ये ज़मीं भी //३

दूर क्यों जाना है ज़्यादा जुस्तजू में
पालती है जबकि दुश्मन आस्तीं भी //४

हाय वो अहदे जवानी के गये दिन
चर्ख सी तेरी चमकती थी ज़बीं भी //५

छीन कर मेरा सुकूं वो पूछता था
क्यों सुकूं मिलता नहीं तुझ को कहीं भी //६

क्या तुझे दूँ मैं, तू मेरे दर खड़ा है
लुट चुकी है मेरी दुनिया और दीं भी //७

हाय उसको पाने की मेरी तमन्ना
वो जवाँ है और सूरत से हसीं भी //८

हर घड़ी कुहराम सा दिल में मचा है
चाहे कितना हो लूँ मैं खिलवत गुजीं भी //९

मुझपे है अहसां फ़रामोशी की ला'नत
जबकि मैं तो कर चुका था आफ्रीं भी //१०

कुछ तो कीजे मेरे कौले लब की इज़्ज़त
आप मुझको टोक देते हैं कहीं भी //११

तोड़ लूँ मैं राज़ कैसे उससे रिश्ता
वो है दिखता सख्त, पर है नाजनीं भी //१२

~ राज़ नवादवी

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

नुकताचीं- आलोचना करने वाले; ख़ुर्दबीं- माइक्रोस्कोप; काविशे सुहबत- साहचर्य की टोह; चर्ख- आस्मां; खिलवत गुजीं- एकांतप्रिय; आफ्रीं- धन्यवाद; कौले लब- बोले गये शब्द;

Views: 567

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राज़ नवादवी on November 10, 2018 at 9:51am

आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज साहब, आदाब. ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिले से शुक्रिया. सादर. 

Comment by राज़ नवादवी on November 10, 2018 at 9:51am

आदरणीय अजय तिवारी साहब, आदाब. ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिले से शुक्रिया. सादर. 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 9, 2018 at 9:49am

बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है आदरणीय बधाई....

Comment by Ajay Tiwari on November 8, 2018 at 8:27pm

आदरणीय राज़ साहब, खूबसूरत शेर हुए हैं. हार्दिक बधाई. 

Comment by राज़ नवादवी on November 7, 2018 at 10:52am

आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब, आपका ह्रदय से आभार. सादर 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 7, 2018 at 10:41am

आ. भाई राज नवादवी जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by राज़ नवादवी on November 7, 2018 at 10:09am

आदरणीय समर कबीर साहब, आदाब. ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफज़ाई का तहेदिल से शुक्रिया. सादर 

Comment by राज़ नवादवी on November 7, 2018 at 10:08am

आदरणीय रवि शुक्ला जी, आदाब. ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफज़ाई का दिल से शुक्रिया. सादर 

Comment by Samar kabeer on November 6, 2018 at 11:29am

जनाब राज़ नवादवी साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

Comment by Ravi Shukla on November 6, 2018 at 1:14am

आदरणीय राज नवादवी जी अच्छी गजल कही आापने  दिली मुबारक बाद पेश है 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
8 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
9 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
10 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
25 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service