For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

झरता रहा

माँ के आशीर्वाद सा

हरसिंगार

 

उषा की लाली

रेशम का आँचल

वात्सल्य माँ का

पुलक तन

शाश्वत है बंधन

नमन मन

  

स्नेहिल स्पर्श

वात्सल्य का कंबल

संबल मन

 …

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 467

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neelam Upadhyaya on June 15, 2018 at 2:56pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया रक्षिता जी ।

Comment by रक्षिता सिंह on June 15, 2018 at 2:44pm

आदरणीया नीलम जी नमस्कार, बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ ....हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 15, 2018 at 2:23pm

आदरणीय उसमानी जी, उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार प्रकट करती हू। आगे भी आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी ।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 15, 2018 at 2:22pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, । उत्साहवर्धन के लिए दिल से आभार प्रकट करती हू। आगे भी आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी ।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 15, 2018 at 2:20pm

आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 15, 2018 at 2:19pm

आदरणीय श्याम नारायण जी, उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 15, 2018 at 10:17am

मां, ममता/ वात्सल्य पर बेहतरीन सारगर्भित हाइकु सृजन हेतु हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहिब। ई़द-उल-फ़ित्र मुबारक आप सभी को।

Comment by Mohammed Arif on June 15, 2018 at 10:12am

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी आदाब,

                              अच्छी कसावट और बेहतरीन शिल्प से सुसज्जित हाइकु । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by narendrasinh chauhan on June 14, 2018 at 4:55pm

बहोत  खूब 

Comment by Shyam Narain Verma on June 14, 2018 at 3:56pm
सुंदर भाव लिए, उत्तम रचना के लिए बधाई ....सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली..हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"सुन्दर होली गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, उत्तम दोहावली रच दी है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service