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फिर आ गया

नववर्ष लेकर

नयी उमंग ।

 

नयी सौगात

उम्मीद की किरण

नव वर्ष में ।

 

जन जीवन

चमकें उल्लास में

नव वर्ष में ।

 

यादों का रेला

खामोश समंदर

बहा जो पाता ।

 

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 3:23pm

बहुत खूब...

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 2:15pm

आद0 नीलम जी सादर अभिवादन। बढ़िया हाइकू कही आपने।आरिफ जी से सहमत हूँ। कुछ सपाट हो गए हैं।इस प्रस्तुति पर आपको बहुत बहुत बधाई

Comment by Neelam Upadhyaya on January 3, 2018 at 12:01pm

आदरणीय पंकज कुमार मिश्रा जी, बहुत बहुत धन्यवाद ।

Comment by Neelam Upadhyaya on January 3, 2018 at 12:00pm

आदरणीय आरिफ मुहम्मद जी, आप को भी नव वर्ष की मंगल कामना । मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार ।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 2, 2018 at 5:44pm

बेहतरीन हाइकु के लिए सादर बधाई

Comment by Mohammed Arif on January 2, 2018 at 5:06pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी आदाब,

                    नववर्ष की आशा और उल्लास को रेखांकित करते बेहतरीन हाइकु । भाषा और थोड़ी व्यंजनामूलक होनी चाहिए थी । कुछ सपाट बयानी हो गई । हार्दिक बधाई और नववर्ष की असीम मंगल कामनाएँ ।

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