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झूमी सरसों

धरती इतरायी

फगुनाहट

 

बसंत आया

ओढ़ पीली चुनर

खेत बौराया

 

बौर आम के

फैल गयी सुगंध

झूमा बसंत

 

टेसू क्या फुले

अंगड़ाया पलाश

फागुन आया

 

.... मौलिक एवं अप्रकाशित

 

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Comment

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Comment by Samar kabeer on February 25, 2018 at 11:00am

मोहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,होली के स्वागत में अच्छे हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on February 22, 2018 at 6:43pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी आदाब,

                       फागुनी मस्ती में डूबे बहुत ही बेहतरीन हाइकु । हार्दिक बधाई.स्वीकार करें ।

                       * आ गया मज़ा

                          पढ़कर हाइकु

                          मस्त बसंत ।

                        *   चढ़ा है नशा

                               टेसू भी मतवाले

                                होली के रंग ।

Comment by Shyam Narain Verma on February 22, 2018 at 5:33pm
वसंत ऋतु का सुंदर चित्रण है, हार्दिक शुभकामनाएं l सादर

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