For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राज की बात हम तलक ही रहे
ये मुलाक़ात हम तलक ही रहे ।

कुछ सवालात पूछ बैठे हम
कुछ सवालात हम तलक ही रहे ।

उनके इल्ज़ाम सब थे झूठे मगर
मेरे इस्बात हम तलक ही रहे ।

डर है तुझको बहा न ले जाये
ऐसी बरसात हम तलक ही रहे ।

इन सितारों को बाँट ले दुनिया
चाँदनी रात हम तलक ही रहे ।

(इस्बात - प्रमाण/सुबूत)

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 11:30pm

शुक्रिया आ. Ashok Kumar Raktale  जी |

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 11:30pm

शुक्रिया आ. Dr Mohan lal जी |

Comment by Ashok Kumar Raktale on February 19, 2013 at 11:11pm

वाह! बढिया गजल भाई आशीष जी बधाई स्वीकारें.

Comment by मोहन बेगोवाल on February 19, 2013 at 10:32pm

उनके इल्ज़ाम सब थे झूठे मगर 
मेरे इस्बात हम तलक ही रहे  आपने  बहुत अच्छे अशरार आप जी ने कहे

 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 8:25pm
Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 8:23pm

आ. राजेश कुमारी जी, आ. मीना पाठक जी बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Arun Sri on February 19, 2013 at 8:15pm

इन सितारों को बाँट ले दुनिया
चाँदनी रात हम तलक ही रहे ।.......... वाह भई वाह ! मज़ा आ गया ! जय हो !

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 8:04pm

शुक्रिया वीनस भाई हौसला-अफजाई के लिये |

एक ही मिसरे में 'मेरे' और 'हमारे' प्रयुक्त नहीं करना चाह रहा था लेकिन कुछ और बन नहीं पड़ रहा था लेकिन आपने तो समस्या ही दूर कर दी | बहुत-बहुत शुक्रिया |

/ *   भाई कम लिखें मगर ऐसा ही लिखें ...
या इससे अच्छा :)))))    */

वीनस भाई आपके इस सुझाव का अक्षरश: पालन किया जायेगा |   :) :)

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 19, 2013 at 7:50pm

ग़ज़ल पसंदगी के लिए शुक्रिया वेदिका जी ।

Comment by Meena Pathak on February 19, 2013 at 1:08pm

वाह बहुत खूब ... बधाई इस लाजवाब गज़ल के लिए 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service