For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा सलिला: गले मिले दोहा यमक

दोहा सलिला:
गले मिले दोहा यमक
संजीव 'सलिल'
*
मनहर ने मन हर लिया, दिलवर दिल वर मौन.
पूछ रहा चितचोर! चित, चोर कहाँ है कौन??
*
देख रही थी मछलियाँ, मगर मगर था दूर.
रखा कलेजा पेड़ पर, कह भागा लंगूर..
*
कर वट को सादर नमन, वट सावित्री पर्व.
करवट ले फिर सो रहे, थामे हाथ सगर्व..
*
शतदल के शत दल खुले, भ्रमर करे रस-पान.
बंद हुए शतदल भ्रमर, मग्न करे गुण-गान..
*
सर हद के भीतर रखें, सरहद करें न पार.
नत सर गम की गाइये, सरगम  बरखुरदार..
*
हर छठ पर हरछठ नहीं, पूज रहीं क्यों आप?
हर दम पर हरदम नहीं, आप कर रहे जाप..
*
लेते हैं चट पटा वे, सुना चटपटा जोक.
सौदा करता जिस तरह, चतुरा बनिया थोक..
*

Views: 590

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 16, 2013 at 8:31pm

आदरणीय आचार्यजी,

उन्नत दोहे-बिम्ब हैं, यमक खिले हर बंद ।
दोहों में सुख-भाव है,   प्रेरक है हर छंद ॥

सादर

Comment by sanjiv verma 'salil' on January 11, 2013 at 8:38am

प्राची जी, विजय जी, बागी जी, प्रदीप जी
आपको दोहे पसंद आये तो मेरा कवी-कर्म सार्थक हुआ. हार्दिक धन्यवाद.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 10, 2013 at 4:16pm

aanand aa gaya sir jii. 

sikh bhi mili likhne ki

badhai 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 10, 2013 at 3:00pm

लेते हैं चट पटा वे, सुना चटपटा जोक.
सौदा करता जिस तरह, चतुरा बनिया थोक..................

क्या बात है आदरणीय, शब्दों की जादूगरी देखते ही बनता है, बहुत ही सुन्दर दोहे प्रस्तुत किये हैं , बधाई आचार्य जी |

Comment by vijay nikore on January 9, 2013 at 3:31pm

संजीव जी,

सदैव समान यह दोहे पढ़ कर आनन्द आ गया ।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 9, 2013 at 1:12pm

आदरणीय संजीव जी , 

सादर प्रणाम! 

बहुत सुन्दर दोहे, अलंकार से अलंकृत क्या ही रूप निखरा है, वाह आनंद आ गया पढ़ कर,

ऐसी रचनाएं विरले ही पड़ने को मिलती हैं. इस अनुपम कृति के लिए आपको ह्रदय से बधाई.

हम नवरचनाकारों के लिए ऐसी रचनाएं अमृत वर्षा के जैसी लगती हैं. पाठक के अन्दर का रचनाकार तृप्त होता है ऐसी विशिष्ट अलंकृत रचनाओं को पढ़ कर. 

हार्दिक साधुवाद इस सुन्दर दोहावली के लिए. सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service