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ओ.बी.ओ.की 9 वी सालगिरह का तुहफ़ा

है उजागर ये हक़ीक़त ओ बी ओ

मुझको है तुझसे महब्बत ओ बी ओ

तेरे आयोजन सभी हैं बेमिसाल

तू अदब की एक जन्नत ओ बी ओ

कहते हैं अक्सर ,ये भाई योगराज

तू है इक छोटा सा भारत ओ बी ओ

सीखने वाले यही कहते सदा

तू करे बे लौस ख़िदमत ओ बी ओ

सबके दिल में बन गया है घर तेरा

सबके दिल में तेरी चाहत ओ बी ओ

मैं हूँ दीवाना तेरा सब जानते

तू मेरे दिल की है राहत ओ बी ओ

जुड़ गया है जो भी दामन से तेरे

दिल से करता है वो इज़्ज़त ओ बी ओ

चाहने वाले हज़ारों हैं तेरे

है ये तेरी क़द्र-ओ-क़ीमत ओ बी ओ

दिल से निकली है "समर" के ये दुआ

तू रहे सदियों सलामत ओ बी ओ

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on July 22, 2019 at 11:50am

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की बधाई ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on July 21, 2019 at 12:15am

शानदार ,सर ,ओबीओ के इस प्रतिष्ठित मंच के सभी संचालकों ,लेखकों और पाठकों को सालगिरह पर बधाई | 

Comment by Samar kabeer on May 12, 2019 at 6:39pm

जनाब गजेन्द्र जी आदाब,यक़ीनन ओबीओ का हर सदस्य इस मंच को सँवारने में अपना किरदार अदा करता है,और इसलिए ही ये मंच अपनी मिसाल आप है,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की हार्दिक बधाई,ग़ज़ल तक आने और सराहना के लिए आपका आभार और धन्यवाद,मंच पर अपनी सक्रियता बनाये रखें,मैं फिलहाल रमज़ान के कारण  मंच से एक महीने के अवकाश पर हूँ ।

Comment by Gajendra shrotriya on May 12, 2019 at 1:13pm

परम आदरणीय समर कबीर साहिब, सादर नमस्कार । आपके साहित्यिक लगाव और विशेषतः ओबीओ के इस प्रतिष्ठित मंच के प्रति आपके समर्पण को हृदय से नमन करता हूँ। साथ ही उन सभी सम्माननीय महानुभावो काे सादर प्रणाम करता हूँ जो इस मंच की स्थापना से लेकर आज इसके समुन्नत होने तक निस्वार्थ भाव से अनवरत साहित्य सेवा में रत हैं। ऐसी नींव की ईंटों को मैं बारम्बार प्रणाम करता हूँ जिनके सद्प्रयासो से ये छोटा सा भारत साहित्य क्षेत्र में वृहदाकार स्वरूप में उभरता जा रहा है। मन में उमड़ती कई मंगल-कामनाओं के साथ सम्पूर्ण मंच को बधाई प्रेषित है। जय हो। मंगलमय हो।

Comment by Samar kabeer on April 18, 2019 at 11:13am

जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद,आपने सच कहा ओबीओ से बहतर कोई मंच नहीं,आपको भी ओबीओ की सालगिरह की हार्दिक बधाई ।

Comment by amod shrivastav (bindouri) on April 18, 2019 at 11:04am

आ समर दादा प्रणाम , ओ बी ओ की साल गिरह में सदस्य कमेटी और सभी सहभागी सदियों का अभिवादन , दादा आप की रचना के लिए भी तहे दिल से आभार , इस (पर्व ) में आप की रचना ने सभी को उत्साह से भर दिया , सच है जब से इस समूह का गठन हुआ है ,और मेरी जानकारी में आया, मै जुड़ा , मेरी नजर में इस से अच्छा ऑनलाइन पोर्टल नहीं है , यहाँ फन भी है , फनकार भी हैं , कला भी है , कलाकार भी हैं , प्रेम और अपना पण भी है। और इन सब में जो चार चाँद लगता है वो है मार्गदर्शन।
ग्रुप के सभी वरिष्ठ , और सहभागी सदस्यों को प्रणाम

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:58pm

जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,मेरी इस ग़ज़ल को फ़ीचर ब्लॉग में शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:56pm

जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,जिस दिन से ओबीओ से जुड़ा हूँ, हर सालगिरह पर ग़ज़ल के रूप में अपना तुहफ़ा पेश करना कभी नहीं भूलता,और ग़ज़ल के अशआर की तादाद भी उतनी ही होती है जितनी ओबीओ की उम्र होती है,इस बार हमने ओबीओ चैप्टर भोपाल के ग्रुप में इस सालगिरह का जो जश्न मनाया था उसकी यादें अभी तक दिल पर नक़्श हैं । मेरी दुआ है कि ओबीओ यूँ ही तरक़्क़ी की मंज़िलें तय करता रहे और हम सब मिलकर इसका जश्न मनाते रहें ।

ग़ज़ल आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ,सराहना के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ, ओबीओ ज़िंदाबाद ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:47pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on April 6, 2019 at 5:46pm

जनाब दण्डपाणि नाहक़ जी आदाब,ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका धन्यवाद ।

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