For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्याज भी बोलते हैं (लघुकथा) राज़ नवादवी

प्याज भी बोलते हैं- एक लघुकथा
-------------------------------------
हर कोई सब्ज़ी वाले से बड़ा प्याज माँगता है। कल मैं भी ठेलेवाले भाई से प्याज ख़रीदते समय बड़े प्याज माँग बैठा। तभी, बड़े प्याजों के बीच बैठे एक छोटे प्याज ने मुझसे कहा,
"भाई साहब, हर कोई बड़ा प्याज माँगता है, तो हमारा क्या होगा? हम भी तो प्याज हैं!"
मैं सकपका गया, ये कौन बोल रहा है? प्याज? क्या प्याज भी बोलते हैं? तभी मैंने देखा वहीं पड़े कुछ बड़े प्याज आंनद से मंद मंद मुस्कुरा रहे थे। उफ़्फ़, ये प्याज मुस्कुराते भी हैं? ख़ैर, सच यही था कि प्याज बोल रहे थे और पूछ भी रहे थे। छोटे प्याज ने मुझसे आगे कहा,
"साहब, किसका क़सूर है कि हम छोटे हैं? हमारा, किसान का, बीज का, धरती का, हवा का, पानी का, खाद का, या किस्मत का? आप ही बताइए, किसका क़सूर है? हमें देखकर किसान भी ख़ुश नहीं होते, हमें व्यापारी भी कम क़ीमत पर ख़रीदता है, और यहाँ ठेलों पे भी हमारी कुछ ख़ास माँग नहीं है। अव्वल तो हम बिकते ही हैं बड़ी मुश्किल से, और वो भी कम क़ीमत पे। ज़्यादातर होटल वाले हमें बहुत गिरी क़ीमत पे थोक भाव से ख़रीद ले जाते हैं। अच्छे घरों की रसोई में, और सुंदर गृहिणियों तक पहुँचने का तो हमें सौभाग्य ही कहाँ मिलता है?"
मैं बड़ा विस्मित था। एक प्याज और इतना समझदार? बहरहाल, वो छोटा प्याज रुका नहीं। वो आगे भी बोलता गया,
"साहब, जब प्याज की किल्लत हो जाती है, तब कोई बड़े या छोटे प्याज में फ़र्क़ नहीं करता, हर कोई तब बस प्याज ख़रीदना चाहता है, जैसे भी हो, थोड़ा प्याज घर के लिए मिल जाए। तब हम ही लोगों के सबसे ज़्यादा काम आते हैं, बोलिए, है कि नहीं?"
मैं सकते में था, मगर ये सोचकर ख़ुश भी कि प्याज भी बोलते हैं। मैंने सब्ज़ी वाले से कहा, भाई मुझे माफ़ करना, मुझे बड़े नहीं, छोटे प्याज ही दे दो। और वो भी पूरी क़ीमत पर। आख़िर ये भी तो प्याज ही हैं।
वो छोटा प्याज बहुत ख़ुश हुआ। साथ के सारे छोटे प्याज भी बहुत ख़ुश हुए। मैं भी ख़ुशी ख़ुशी छोटे प्याजों को अपने थैले में लिए घर लौट आया।

~राज़ नवादवी
"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 460

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 10:49am

जनाब राज़ नवादवी जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by राज़ नवादवी on April 30, 2019 at 11:43pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी, रचना को पढ़ने और आपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार. सादर. 

Comment by Neelam Upadhyaya on April 30, 2019 at 10:22am

आदरणीय राज़ नवादवी जी, प्याज के वार्तालाप के आधार पर बेहतर रचना। प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई।

Comment by राज़ नवादवी on April 29, 2019 at 5:11pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह साहब, रचना को पढ़ने और आपके उत्साह वर्धन का ह्रदय से आभार. सादर

Comment by राज़ नवादवी on April 29, 2019 at 5:10pm

आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहब, रचना को पढ़ने और आपकी सुन्दर प्रतिक्रया का ह्रदय से आभार. सादर. 

Comment by नाथ सोनांचली on April 28, 2019 at 2:50pm

आद0 राज नवादवी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया कटाक्षपूर्ण लघुकथा लिखी आपने। दिल खोल कर बधाई लीजिये।सादर

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 28, 2019 at 9:46am

आदाब। बेहतरीन उम्दा सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय राज़ नवादवी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अच्छी रचना हुई है ब्रजेश भाई। बधाई। अन्य सभी की तरह मुझे भी “आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा”…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"बेहतरीन अशआर हुए हैं आदरणीय रवि जी। सभी एक से बढ़कर एक।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश नूर भाई। बहुत बधाई "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आभार रक्षितासिंह जी    "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"अच्छे दोहे हुए हैं भाई लक्ष्मण धामी जी। एक ही भाव को आपने इतने रूप में प्रकट किया है जो दोहे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, दोहों पर उपस्थिति, और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
yesterday
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service