For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भीमराव बहुजन के त्राता
जनजीवन के भाग्य विधाता
सदा विषमता से टकराए
ज्वलित दलित हित आगे आए ll

लड़कर भिड़कर भेद मिटाए
पग पीछे को नहीं हटाए
सहकर ठोकर राह बनाए
तम से गम से ना घबराए ll

बोधिसत्व भारत के ज्ञानी
भारतरत्न भीम हैं शानी
दूर किये अश्पृश्य बुराई
वर्णभेद की पाटे खाई ll

छुआछूत का भूत भगाए
समरसता समाज में लाए
बहुजन हित की लड़े लड़ाई
वंचित को अधिकार दिलाई ll

शोषित कुचले जन के स्वामी
मुक्त कराए काट गुलामी
आओ मिलकर शीश झुकाएं
संविधान शिल्पी गुण गाएं ll

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on April 19, 2019 at 7:58pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब सादर अभिवादन आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सफल हुई ,दिल से आभार 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 19, 2019 at 9:42am

आ. भाई छोटेलाल जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on April 16, 2019 at 6:17pm

आदरणीय फूल सिंह जी रचना पर अनमोल समय देने के लिए उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत आभार

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on April 16, 2019 at 6:16pm

परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन अपना अनमोल समय दिया उत्साह वर्धन किया हम दिल से आभार व्यक्त करते हैं

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on April 16, 2019 at 6:14pm

आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब सादर अभिवादन आपने रचना को मान दिया उत्साह वर्धन किया दिल से आभार

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on April 16, 2019 at 6:00pm

जनाब डॉक्टर छोटे लाल साहिब , अच्छी रचना हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l 

Comment by Samar kabeer on April 16, 2019 at 2:50pm

जनाब डॉ. छोटेलाल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by PHOOL SINGH on April 15, 2019 at 5:09pm

बहुत सुंदर रचना बधाई स्वीकारे|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service