For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत...तितलियाँ अब मौन हैं-बृजेश कुमार 'ब्रज'

शोर भौरों का सुनोगे
तितलियाँ अब मौन हैं

रक्त रंजित हो उठा मन
रोज के अख़बार से
हर कली सहमी हुई है
आह अत्याचार से
इस चमन में भेड़ियों से
आदमी ये कौन हैं
शोर भौरों का सुनोगे
तितलियाँ अब मौन हैं

प्रीत का संगीत गुमसुम
भाव के व्यापार में
सत्य का उपहास करता
छल कपट संसार में
प्रेम है अनुबंध जैसा
प्रेम परिणय गौण है
शोर भौरों का सुनोगे
तितलियाँ अब मौन हैं

(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 912

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on September 19, 2018 at 2:12pm

आदरणीय ब्रजेश कुमार जी आपकी भावपरक गीत पढ़कर बड़ी प्रसन्नता हुई इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 19, 2018 at 11:15am

आभार संग नमन आदरणीय लक्ष्मण धामी जी..

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 19, 2018 at 11:14am

आदरणीय सुशील सरना जी हार्दिक धन्यवाद...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 19, 2018 at 11:13am

रचना पटल पे आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीय गंगाधर शर्मा जी...

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 18, 2018 at 11:53pm

आ. भाई बृजेश जी,  सुंदर और भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by Sushil Sarna on September 18, 2018 at 7:00pm

आदरणीय बृजेश जी सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by Ganga Dhar Sharma 'Hindustan' on September 18, 2018 at 4:42pm

आदरणीय बृजेश जी...बहुत ही भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
43 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
47 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
48 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
49 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
49 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
51 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
54 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service