For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नए साल के दोहे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

विपदा  से  हारो  नहीं,  झेलो  उसे  सहर्ष
नित्य खुशी औ' प्यार से, बीते यह नववर्ष।१।


नभ मौसम सागर सभी, कृपा  करें  अपार
जनजीवन पर ना पड़े, विपदाओं की मार।२।


इंद्रधनुष के  रंग सब, बिखरे हों हर बाग
नये वर्ष में मिट सके, भेद भाव का दाग।३।


खुशियों का मकरंद हो, हर आँगन हर द्वार
हो  सब  में  सदभावना, जीने  का  आधार।४।


विदा  है  बीते  साल को, अभिनंदन नव वर्ष
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पदा, सबका हो उत्कर्ष।५।


मिटे  उदासी  हर कहीं, बिखरे  केवल हर्ष
जीवन में बदलाव नित, लाये यह नव वर्ष।६।

मौलिक अप्रकाशित

Views: 823

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 6, 2018 at 3:14pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन । स्नेहाशीष के लिए हार्दिक धन्यवाद ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 6, 2018 at 11:44am

आपके दोहों के परिप्रेक्ष्य में नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ , आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 5, 2018 at 6:48am

आ. भाई आरिफ जी, उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।

Comment by Mohammed Arif on January 4, 2018 at 9:35pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आदाब,

                                    नव वर्ष पर बहुत सशक्त और सार्थक दोहावली की रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 8:42pm

आ. भाई राम अवध जी, हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 4, 2018 at 5:55pm

नव वर्ष पर शानदार दोहे प्रस्तुत करने पर हार्दिक बधाई नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 3:24pm

आ. भाई सुरेंद्र जी, हार्दिक आभार ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 4, 2018 at 2:02pm

आद0 लक्ष्मण धामी जी नव वर्ष पर सुंदर दोहे सृजित हुए,बधाई आपको। सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 12:51pm

आ. भाई सलीम जी, उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 12:49pm

आ. भाई शेख सहजाद जी, स्नेहिल एवं प्रशंसात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार। आपको भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनायें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service