For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोग तन्हाई में जब आपको पाते होंगे

2122 1122 1122 22
लोग तन्हाई में जब आप को पाते होंगे।
मेरा मुद्दा भी सलीके से उठाते होंगे ।।

लौट आएगी सबा कोई बहाना लेकर ।
ख्वाहिशें ले के सभी रात बिताते होंगे ।।

सर फ़रोसी की तमन्ना का जुनूं है सर पर ।
देख मक़तल में नए लोग भी आते होंगे ।।

सब्र करता है यहां कौन मुहब्बत में भला।
कुछ लियाकत का असर आप छुपाते होंगे ।।

उम्र भर आप रकीबों को न पहचान सके ।।
गैर कंधो से वे बन्दूक चलाते होंगे ।।

ये हक़ीक़त तो जमाने को खबर है शायद ।।
ख्वाब रातों में उन्हें खूब सताते होंगे ।।

इश्क़ छुपता ही नहीं लाख छुपा कर देखो ।
खूब चर्चे वो सरेआम कराते होंगे ।।

ज़ुल्फ़ लहरा के गुज़रते वो अदाकारी में ।
आग सीने में कई बार लगाते होंगे ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 692

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 17, 2017 at 5:50pm

आ0 कबीर सर सादर नमन । आपकी इस्लाह अत्यंत कीमती है । करेक्ट करता हूँ ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 17, 2017 at 5:49pm
आ0 ब्रजेश कुमार ब्रज जी सप्रेम आभार
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 16, 2017 at 8:35pm

खूब ग़ज़ल कही..

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 15, 2017 at 5:28pm

आ0 गुरुदेव कबीर सर सादर नमन के साथ आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 15, 2017 at 5:27pm

आ0 विजय निकोरे साहब सादर आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 15, 2017 at 5:26pm

आ0 तेजवीर सिंह जी सप्रेम आभार 

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 15, 2017 at 5:26pm

आ0 मु0 आरिफ़ साहब बहुत बहुत आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 15, 2017 at 5:25pm

आ0 सुरेंद्र नाथ सिंह जी विशेष आभार 

Comment by Samar kabeer on December 14, 2017 at 5:15pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

'लौट आएगी सबा कोई बहाना लेकर'

इस मिसरे को यूँ करना उचित होगा :-

"लौटती होगी सबा कोई बहाना लेकर"

'सरफ़रोसी की तमन्ना का जुनूँ है सर पर

सबसे पहली बात 'सरफ़रोसी' नहीं,"सरफ़रोशी",दूसरी बात ये कि सानी मिसरे के कथ्य के हिसाब से ये मिसरा यूँ होना चाहिये :-

'सरफ़रोशी की तमन्ना लिये अपने दिल में'

5वें शैर में कथ्य स्पष्ट नहीं है ।

'ये हक़ीक़त तो ज़माने को ख़बर है शायद'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर है,'हक़ीक़त तो',और कथ्य के हिसाब से भी ये मिसरा यूँ होना चाहिये :-

'इस हक़ीक़त की ज़माने को ख़बर है शायद'

Comment by नाथ सोनांचली on December 14, 2017 at 8:37am

आद0 नवीन मणि जी सादर अभिवादन।बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने। मेरी शैर दर शेर मुबारकबाद क़ुबूल करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
7 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service