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ग़ज़ल (ख़ौफे ख़ुदा नहीं है )

मफऊल -फाइलातुन -मफऊल -फाइलातुन


मेरे हबीब इस में तेरी खता नहीं है |
इल्ज़ामे बे वफ़ाई किस पर लगा नहीं है |

ओ प्यार के मुसाफिर इस पर भी ग़ौर कर ले
यह राहे ग़म है इस में कोई मज़ा नहीं है |

माली तेरी कमी से गुलशन में है तबाही
तू अब भी कह रहा है तुझको पता नहीं है |

दीदार मैं अभी तक चहरे का कर रहा हूँ
ठहरो अभी न जाओ यह दिल भरा नहीं है |

ग़मदीदा दिलसे उल्फ़त तुझसे न निभ सकेगी
कर तर्के इश्क़ कुछ भी अब तक हुआ नहीं है |

मेरे गुनाह पर तू मत कर इताब यारब
दुनिया के रंगो बू में कोई पारसा नहीं है |

करता है वो ही अपने दिलबर से बे वफ़ाई
तस्दीक़ जिसके दिल में ख़ौफे खुदा नहीं है |

इताब --नाराज़गी
(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 799

Comment

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Comment by Tasdiq Ahmed Khan on October 17, 2017 at 6:47pm
जनाब सलीम साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by SALIM RAZA REWA on October 17, 2017 at 6:30pm
जनाब तस्दीक़ साहब, मतले से मक़्ते तक
ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए मुबारक़बाद

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