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ग़ज़ल - इब्न ए मरियम हैं, तो शिफ़ा करिये ( गिरिराज भंडारी )

( दूसरे शेर के ऐब ए तनाफुर को कृपया स्वीकार करें )

2122  1212   22/112

ज़ह’नियत यूँ न बरहना करिये

अपने जामे में ही रहा करिये

 

आब ठंडक ही दे हमें हरदम     

आग, गर्मी ही दे दुआ करिये

 

बेवफा हो गये हैं जो साबित    

उनसे क्या खा के अब वफ़ा करिये

 

जुगनुओं की चमक चुरायी है  

शम्स ख़ुद को न अब कहा करिये

 

सिर्फ बीमार कह के चुप न रहें

इब्न ए मरियम हैं, तो शिफ़ा करिये

 

आइना कह जिसे दिखाये , वो 

आइना था नहीं, तो क्या करिये

 

हाँ ,सदा ए  ग़ैब ही उसे समझें

चुप ! कहा है तो चुप  रहा करिये

 

आज धुँधलाते आइने ने कहा

क्यों किसी दोस्त को ज़ुदा करिये

 

हाथ में फिर चराग है मेरे

हो सके, तेज़ फिर हवा करिये

 

झड़ न जायें.., वो ज़र्द पत्ते हैं

जब छुयें, प्यार से छुवा करिये

 

ता कि, सारा जहाँ बुरा न लगे

खूबियाँ मेरी गिन लिया करिये

*****************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:09am

आदरणीय बसंद भाई , शुभ कामनाओं के लिये आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:07am

आदरनीय तस्दीक भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया । आपकी सलाह पर गौर कर रहा हूँ ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:06am

आदरणीय नरेन्द्र भाई , सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:05am

आदरनीय आशुतोष भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:05am

आदरणीय बसंत भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:04am

आदरनीय बृजेश भाई , सराहना के लिये आभार आपका

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 15, 2017 at 10:03am

आदरणीय नीलेश भाई आपका बहुत आभार ।

आभार प्रदर्शन में  देरी के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ..

Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 11, 2017 at 10:31pm

जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें आपको आदरणीय गिरिराज भंडारी जी 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 11, 2017 at 10:31pm

जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें आपको आदरणीय गिरिराज भंडारी जी 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 11, 2017 at 10:13pm

मुहतरम जनाब गिरिराज साहिब,जनम दिन बहुत बहुत मुबारक हो , अच्छी ग़ज़ल हुई है
मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ | नीलेशजी का मशवरा सही है , शेर 7 के उला मिसरे की बह्र
एक बार देख लीजिए ,(गैब की ही सदा समझ लें उसे )

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