For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- यह ज़माना हाल पर मुस्कुराना चाहता है

2122 2122 2122 2122
हाथ पर बस हाथ रखकर याद आना चाहता है ।
वो मुकद्दर इस तरह से आजमाना चाहता है ।।

गुफ्तगूं होने लगी है फिर किसी का क़त्ल होगा ।
है कोई मासूम आशिक़ सर उठाना चाहता है ।।

शह्र में दहशत का आलम है रकीबों का असर भी ।
तब भी वह अहले ज़िगर से इक फ़साना चाहता है ।।

बेसबब यूं ही नही वह पूछता घर का पता अब ।
रस्म है ख़त भेजना शायद निभाना चाहता है ।।

स्याह रातों का है मंजर चाँदनी मुमकिन न होगी ।
रोशनी के वास्ते वह घर जलाना चाहता है ।।

चार सू खुशबू हवा में सुर्ख है चेहरा किसी का ।
चन्द लम्हों के लिए वह दिल लुटाना चाहता है ।।

नफरतों के इन सियासी अब्र से है तीरगी यह ।
अब कोई सूरज अमन का डूब जाना चाहता है ।।

मत वफ़ा का जिक्र कर उससे वफ़ा होगी भला कब ।
वो गुहर ख़ातिर सदफ़ पर जुल्म ढाना चाहता है ।।

गो के अब अच्छा मुसाफ़िर कह रहे हैं लोग उसको ।
दाग रहजन का वो दामन से मिटाना चाहता है ।।

बैठ जाते हैं परिंदे जब मुहब्बत में शज़र पर ।
है कोई जालिम ,कबूतर पर निशाना चाहता है ।।

दर्द के इज़हार से हासिल हुआ यह फ़लसफ़ा भी ।
यह ज़माना हाल पर बस मुस्कुराना चाहता है ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on February 28, 2017 at 11:57am
आ0 रवि शुक्ला सर सादर नमन ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on February 28, 2017 at 11:56am
आ0 प्रियदर्शी जी शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on February 28, 2017 at 11:55am
आ0 मो आरिफ सर विशेष आभार
Comment by Ravi Shukla on February 28, 2017 at 11:08am

आदरणीय ननीन मणि जी , बहुत बढि़या ग़ज़ल कही आपने । शे'र दर शे'र दाल के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।

Comment by Mohammed Arif on February 25, 2017 at 9:32am
आदरणीय ननीन मणि जी आदाब, बहुत शानदार ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाल के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service