For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मग़र मड़ई छवानी है, कमाना भी ज़रूरी है------पंकज द्वारा ग़ज़ल

1222 1222 1222 1222
चलूँ स्कूल लेकिन घर में दाना भी ज़रूरी है
पढूँगा तो मग़र ये घर बचाना भी ज़रूरी है

ग़रीबी श्राप है इस श्राप से है मुक्ति शिक्षा में
मग़र मड़ई छवानी है, कमाना भी ज़रूरी है

मुझे मालूम है कूड़े में मिलते रोग के कीड़े
ये कचरे ही मेरी रोजी, जुटाना भी ज़रूरी है

उसे भी छोड़िये, पिल्लू अभी भैंसें ले जाएगा
बहुत महँगा हुआ दर्रा, चराना भी ज़रूरी है

हमारे गाँव की चट्टी पे, पे टी एम् नहीं होता
तो मुर्री में बचत अपनी छिपाना भी ज़रूरी है

मौलिक अप्रकाशित

Views: 812

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 17, 2016 at 5:57pm
आदरणीय निर्मल सर बहुत बहुत आभार
Comment by Nirmal Nadeem on December 8, 2016 at 2:54am
भाई , मड़ई का जवाब नहीं। वाह वह वाह
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 4, 2016 at 12:34pm
आदरणीय महेंद्र जी बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 4, 2016 at 12:34pm
आदरणीय अमिता जी बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 4, 2016 at 12:33pm
आदरणीय गिरिराज सर सादर प्रणाम, आशीष प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार। छिपाना वाला मामला, संदेहास्पद लग रहा है, आपका सुझाव सर्वथा सही लग रहा है
Comment by Mahendra Kumar on December 3, 2016 at 10:37pm
आदरणीय पंकज भाई जी, इस शानदार ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल कीजिए।
Comment by amita tiwari on December 3, 2016 at 7:12pm

बहुत सच्ची रचना ,यथार्थ पर पैर  जमाये 

बहुत बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 3, 2016 at 9:53am

आदरणीय पंकज भाई , खूब सूरत गज़ल हुई है , दिल से बधाइयाँ स्वीकार कीजिये ।

अ6तिम शे र के सानी  मिसरा  पर मुझे थोड-आ संदेह है -- तो मुर्री में बचत अपनी छिपाना भी ज़रूरी है  --  शायद ये ठीक हो --
तो मुर्री में बचत अपनी छिपानी भी ज़रूरी है   -- अभी देखिए जानकार क्या कहते हैं ।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 2, 2016 at 4:30pm
आदरणीय लक्ष्मण सर बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on December 2, 2016 at 4:28pm
आदरणीय बाऊजी सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
12 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
13 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
15 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service