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"इंतजार .." कविता/ अर्पणा शर्मा

कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है,
हालातों में जहाँ,
सब कुछ मुश्किल,
अनिश्चित और दुश्वार होता है,
जीवन जब अनमना सा,
केवल जीने का व्यापार होता है,
कल्पनाओं में मन की,
कहीं कोई चमत्कार होता है,
कभी सोचते हैं हम
कहीं से आकर कोई हमदम,
कर देगा सबकुछ,
बिल्कुल ठीक और उत्तम,
प्रार्थनाओं और दुआओं में,
यही इज़हार होता है,
मनचाही खुशियाँ पाने को,
दिल सबका बेकरार होता है,
हर मन की परतों में कहीं दबा,
यही इंतज़ार होता है,
कि दुआएं कब असर लाती हैं,
और मन्नतों का निसार होता है,
सुख में-दुख में हर कहीं,
कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है...!
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Arpana Sharma on November 9, 2016 at 1:02pm
आदरणीय श्रीमान् विजय निकोरे जी- आपकी सराहना का बहुत धन्यवाद ।
Comment by vijay nikore on November 9, 2016 at 6:27am

इस सुन्दर कविता के लिए बधाई

Comment by Arpana Sharma on November 7, 2016 at 3:12pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी, आदरणीय श्रीमान् सुशील सरना जी एवं आदरणीय श्रीमान् समर कबीर जी - आप सभी की शुभेच्छाओं और सराहना का बहुत आभार , सादर नमन।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on November 7, 2016 at 2:55pm
बढ़िया कविता लिखी है आपने आदरणीया । हार्दिक बधाई ।
Comment by Samar kabeer on November 6, 2016 at 5:36pm
मोहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,बढ़िया कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on November 6, 2016 at 2:25pm

यही इंतज़ार होता है,
कि दुआएं कब असर लाती हैं,
और मन्नतों का निसार होता है,
सुख में-दुख में हर कहीं,
कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है...!

वाह आदरणीया अर्पणा जी .... अंतर्मन के भावों का सुंदर सम्प्रेषण हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

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