For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़लज़ला /सुरेश कुमार ' कल्याण '

छब्बीस जनवरी
दो हजार एक
भारत का
बावनवां गणतंत्र दिवस
खुशियां थी अपार
सारी खुशियाँ
एक झटके से
बह गई ।

दिन चढ़ते ही
शुरू हुआ
विनाश का तांडव
अटारियाँ सारी
एक झटके से ढह गई ।

लील गया
हजारों जिंदगियां
लाखों घर
हुए नेस्तनाबूत।

गुजरात प्रांत
इक्कीस जिले
जलजले से
सारे हिले।
लाखों लोग
बेघर हो गए।

गांव के गांव
शहर के शहर
मिट्टी में मिल गए
जमींदोज हो गई
ऐतिहासिक इमारतें
घर स्कूल अस्पताल
सब
स्वाहा हो गए।

जो मर गए
बच गए
बरबादी देखने से
जो बच गए
पत्थर दिल सह गए।

गिरे मन्दिर मसीत
और
गुरूघर
बच्चे हुए अनाथ
सब कुछ
खत्म हुआ पर
रह गए
मिट्टी के ढेर।

फट गई जमीं
लावा उबला
पड़ गई दरारें
राहतकर्मी और फौजी
लाशें
गिनते ही रह गए।

जापान पाकिस्तान
अमेरिका
समस्त देश
राहत सामग्री
भेजते ही रह गए।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 549

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 19, 2016 at 8:27pm
आदरणीय श्री नवीन मणि त्रिपाठी जी सादर आभार ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on October 19, 2016 at 7:03pm
वाह भाई श्री बेहतरीन रचना लिखी है आपने ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 18, 2016 at 4:33pm
आदरणीय श्री सुशील सरना जी रचना को सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार । सादर ।
Comment by Sushil Sarna on October 18, 2016 at 1:26pm

आदरणीय सुरेश जी हृदय विदारक घटना को  आपने शब्द चित्र की माध्यम से जीवंत कर दिया है।  हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
38 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
44 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service