For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नयन भी तरस गये ( कविता)

छम छम करती हुई
आयी जब वो छत पर
चाँद भी जैसे ठहर सा गया
यौवन उसका देखकर
श्वेत वस्त्रों में लिपटी हुई
कुछ शरमाई कुछ अलसायी
देख रही थी बादलों को
लगा मानो कह रही हो
बुला दो मेरे प्रियतम को
देख उसको बादल भी बरस पड़े
पीड़ा थी जुदाई की
या थी प्रीत की जीत
चाँद भी जा चूका था
बादल भी बरस गये
पिया के दरस को
नयन भी तरस गये |

मौलिक एवं अप्रकाशित


Views: 675

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 6, 2016 at 9:03pm
आदाब जनाब समर साहब । आपको रचना पसंद आई सार्थक हुआ यह प्रयास । बहुत बहुत शुक्रिया सर ।
Comment by Samar kabeer on October 6, 2016 at 8:50pm
मोहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा आदाब,बहुत सुंदर रचना हुई है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 6, 2016 at 5:51pm

धन्यवाद आदरणीय रवि शुक्ल जी |

Comment by Ravi Shukla on October 6, 2016 at 2:28pm

आदरणीया कल्‍पना जी बहुत बहुत बधई इस कविता के लिये । 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 6, 2016 at 11:00am
धन्यवाद आदरणीय शिज्जु भैया ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 6, 2016 at 10:39am

मार्मिक कविता हुई है आ. कल्पना दीदी बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिए

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 10:10pm

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब तस्दीक साहब | आपका रचना पसंद आई सार्थक हुआ यह प्रयास मेरा |

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on October 5, 2016 at 9:28pm

मोहतरमा  कल्पना    साहिबा  ,  दीदार और इंतज़ार के मंज़र को दर्शाती सुन्दर कविता के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 7:59pm

धन्यवाद आदरणीय बासुदेव जी |

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 5, 2016 at 7:58pm
आदरणीय कल्पना जी वियोग श्रृंगार का सुंदर वर्णन।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service