For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या काफिया,रदीफ़ क्या,अशआर उसके आगे,
क्या शेर,क्या मक्ता,गज़ल बेकार उसके आगे l

क्या आसमान,जुगनू,क्या चांद,क्या सितारे,
मुमकिन भला है किसका दीदार उसके आगे l

क्या गुल,कि क्या गुलिस्तां,कि क्या भला शबनम,
पतझड़ लगी है मुझको बहार उसके आगे l

ये तो अच्छा है कि वो पर्दे में रहती है,
वरना चांद भी हो जाये शर्मशार उसके आगे l

जब भीनिगाहें शोख ले गुजरी वो गलियों से,
सारा मुहल्ला पड़ गया बीमार उसके आगे l

हम भी इसी हालात के मारे हुए हैं दोस्तों,
दिल रहा है हरदफ़ा लाचार उसके आगे l

वो हकीम मुझपे आखिर क्यूं तरस खाता नहीं,
जबकि रहा हूं उम्र भर बीमार उसके आगे l

उसको हाल-ए-दिल सुनाना चाहता हूं "सागर",
पर सोचता हूं कैसे हो इजहार उसके आगे ll

मौलिक एवं अप्रकाशित l
-इंजी.आनन्द सागर पान्डेय

Views: 683

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 12, 2015 at 11:59am
सादर आभार आदरणीय डा.आशुतोष जी l
Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 12, 2015 at 11:58am
सादर आभार आदरणीय तनुजा जी l
Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 12, 2015 at 11:57am
सादर आभार आदरणीय गिरिराज जी l
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 11, 2015 at 6:07pm

ये तो अच्छा है कि वो पर्दे में रहती है,
वरना चांद भी हो जाये शर्मशार उसके आगे l...आदरणीय इस बेहतरीन ग़ज़ल के इस शेर के लिए थे दिल बधाई सादर 

Comment by Tanuja Upreti on August 11, 2015 at 1:08pm

आह वाह आनंद जी बहुत सुन्दर गजल के लिए बधाई स्वीकार करें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 11, 2015 at 10:44am

आदरणीय आनन्द सागर भाई , ग़ज़ल के ऊपर बहर लिख दिये होते तो कुछ कहने मे आसानी होती । बहर हाल ग़ज़ल के प्रयास के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 11, 2015 at 10:41am
सादर आभार आदरणीय हर्ष महाजन जी l
Comment by Harash Mahajan on August 11, 2015 at 8:41am
आ0 आनंद जी बहुत सूंदर अहसास हैं आपकी इस कृति में । बधाई स्वीकार करें । साभार !!!
Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 11, 2015 at 6:29am
सादर आभार आदरणीय मनन कुमार जी l
Comment by Er Anand Sagar Pandey on August 11, 2015 at 6:28am
सादर आभार मनोज कुमार जी l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
10 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
10 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
10 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
10 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service