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ग़ज़ल - कैसे बच्चों में सादगी होगी -- ( गिरिराज भंडारी )

2122    1212     22 /112

सुर्मई, शाम हो रही होगी

रात दस्तक भी दे चुकी होगी

 

रात के हक़ में गर अंधेरा है

सुब्ह के हक़ में रोशनी होगी

 

दिल ठहर, बस नज़र मिला उनसे

मिल गईं गर, तो बात भी होगी

 

जिस तरह जी रही थी अब तक तू

ज़िन्दगी सच में थक गई होगी

 

बंद आखें थी , होठ चुप चुप थे

गुफ्तगू किस तरह हुई होगी

 

जागी रातों में जो रुलाती थी

वो मेरी रूहे शाइरी होगी 

 

माँ-पिता गर सजे धजे इतना

कैसे बच्चों में सादगी होगी

**************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 24, 2015 at 7:13am

आदरणीया प्राची जी,  आपने गज़ल के चार चार शे र चुन कर मेरी मेहनत सफल कर दी । उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय तल से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 24, 2015 at 7:11am

आदरणीय शिज्जु भाई , बहुत दिनो बाद आपको देख के अच्छा लगा ! गज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 24, 2015 at 7:10am

आदरणीय सौरभ भाई , आपकी सराहना ने गज़ल का मान बढ़ा दिया । उत्साह वर्धन के लिये आपका आभारी हूँ ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 23, 2015 at 10:09pm

वाह! आदरणीय गिरिराज भंडारी जी 

बहुत ही नजाकत से कहे गए पुरअसर अशआर हुए हैं..

दिल ठहर, बस नज़र मिला उनसे

मिल गईं गर, तो बात भी होगी...................अहा! अहा! क्या बात है 

 

जिस तरह जी रही थी अब तक तू

ज़िन्दगी सच में थक गई होगी..............हासिले ग़ज़ल शेर 

 

जागी रातों में जो रुलाती थी

वो मेरी रूहे शाइरी होगी ....................वाह ! वाह! 

 

माँ-पिता गर सजे धजे इतना

कैसे बच्चों में सादगी होगी........................बहुत ही खूबसूरत शेर 

दिली बधाई पेश है आदरणीय 

स्व्वीकार करें 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 23, 2015 at 4:31pm

वाह बहुत बढ़िया आदरणीय गिरिराज सर बहुत बहुत बधाई आपको


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 23, 2015 at 4:20pm

ज़िन्दग़ी सच में थक गयी होगी .. वाह वाह क्या मिसरा निकाला है आपने !
माँ-पिता गर सजे धजे इतना
कैसे बच्चों में सादगी होगी
जय हो..
आपके कमाल में शरीक होना अच्छा लगता है.
दाद दाद दाद !!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 23, 2015 at 12:40pm

आदरणीय महर्षि भाई , सराहना के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 23, 2015 at 12:39pm

आदरणीय समर कबीर भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 23, 2015 at 12:39pm

आदरणीय राहुल भाई , सराहना के लिये आभार आपका ।

Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 9:12pm

बढ़िया गजल हुई है ,सर ,बधाई  आपको |

कृपया ध्यान दे...

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