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ममता नहीं मरती ....( लघुकथा )

एक जोड़ा दो पहिया वाहन पर तेज़ गति से हाइवे पर गुजर रहा था ।स्त्री की गोद में एक नन्हा बालक था जो हवा के झोंकों से उनींदा हो रहा था ।पुरुष बार बार पीछे मुड़कर पत्नी से बात कर रहा था ।पत्नी ने टोका भी पर उसने अनसुना कर दिया ।अचानक वाहन का संतुलन बिगड़ गया , क्योंकि पीछे से आता हुआ एक ट्रक लगातार तेज हॉर्न देते हुए ' ओवर-टेक ' करने का प्रयास कर रहा था ।अनहोनी हो चुकी थी ।दंपत्ति सामने से आती बस से टकरा चुके थे ।स्थिति भाँप माँ ने दोनों हाथों से बच्चे को भींच लिया था ।गिरते हुए भी मस्तिष्क बच्चे को कोई आँच न आये इस दिशा में काम कर रहा था ।वह अपने प्रयास में सफल रही पर स्वयं लहूलुहान हो गई ।पास गिरा बालक दहशत से दहाड़े मार रोने लगा ।पर महिला को न अपनी अवस्था का होश था और न आस-पास जमा मूक दर्शकों का । माँ को उठता न देख बच्चे ने जोर-जोर से आँचल खींचना शुरू कर दिया ।बच्चे के नन्हे कोमल हाथों का स्पर्श पाते ही उसके शरीर में अचानक हलचल हुई । उसने अपना आँचल बच्चे के लिए खोल दिया और चेतना शून्य हो गई ।बच्चा अपना आहार पा चुप हो गया । स्त्री का शरीर मर चुका था पर माँ का मातृत्व अभी भी जीवित था ।
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मौलिक एवं अप्रकाशित ।
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Comment by shashi bansal goyal on May 16, 2015 at 9:37am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय बहुत बहुत आभार रचना को सराहने के लिए । सादर ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 14, 2015 at 11:58pm

लघुकथा अपने उद्येश्य में सफल रही है आदरणीया शशिजी.
हार्दिक शुभकामनाएँ

 

Comment by vijay nikore on May 12, 2015 at 4:45pm

आपकी लघु कथा मन को छू गई। बधाई।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 12, 2015 at 3:31pm

आदरणीया शशि जी ..मन को भावुक कर देने वाली शानदार लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:03pm
हार्दिक आभार आo मिथिलेश वामनकर जी ।आपकी उत्साह वर्धक समीक्षा से सम्बल मिला और बहुत प्रसन्नता हुई ।
Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:01pm
हार्दिक आभार आo जीतेन्द्र जी ।कृपया ऐसे ही उत्साह वर्धन करते रहिये ।सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 12, 2015 at 4:11am

आपने आँखों को नम कर दिया आपने.

आपकी लघुकथा सफल हुई 

बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2015 at 12:40am

मर्मस्पर्शी रचना ,आदरणीया शशि जी . बधाई

Comment by shashi bansal goyal on May 11, 2015 at 11:48pm
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद रचना को समय देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी ।
Comment by shashi bansal goyal on May 11, 2015 at 11:47pm
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद रचना को समय देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ।

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