For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गौमाता का दर्द

कल जब देखा मैंने गौमाता की ओर मेरी ऑंखें भर आई
आंसू थे उनकी पलकों के नीचे , जैसे ही वह मेरे पास आई
गुम-सुम सी होकर देख रही थी मेरी ओर
रम्भा कर ही सही "मगर कह रही थी कुछ और"
हे मानव तुम चाहते क्या हो मुझ से ?
क्या संतुष्ट नहीं तुम इतने सुख से ?
धुप-छांव में दिन रात गुजारूं
बिना किसी ईंधन के वाहन की तरह रोज़ मैं चलती हूँ
खाने को जो भी मिले
ख़ुशी ख़ुशी चर लेती हूँ
कचरे की पेटी में पड़ा तुम्हारा झुटा भोजन खा लेती हूँ
घास में न पानी डालो फिर भी सुखी घास खा लेती हु
सिंघ से अपने सभी दुश्मनो को भगा देती हूँ
सड़क-नालों पर पड़ा गन्दा पानी पी लेती हूँ
लाठी- पत्थर से प्रहार तुम्हारे घर आऊँ तो सह लेती हूँ
फिर भी हर सुबह तुम्हे अपने बालक के बदले का दूध देती हूँ
बड़े होने पर अपने बेटे को तुम्हारा वाहन बना देखती हूँ
आऊँ जो तुम्हारे घर के बाहर लगे पेड़ के पत्तों को खाने तो तुम्हारी मार-फटकार ही पाती हूँ
नव युवा बालकों से "चल भाग यहाँ से" ही सुनती हूँ
रंग भले ही कैसा हो दूध सफ़ेद ही देती हूँ
तुम्हारी माँ तो गिनती के कुछ वर्ष... मगर मैं जीवन भर देती हूँ
दूध न देने लगूं गर तो कत्ल खाने में भेज दी जाती हूँ
बस कृष्ण जी के साथ लगे चित्र में या मंदिर में गोपी के रूप में पूजी जाती हूँ
यही दिखाता है इंसानों .... हो चुके तुम कितने स्वार्थी हो
अपनी माँ को मत भूलो उसके रथ के अब तुम ही सारथी हो |

मौलिक एवं अप्रकाशित
रोहित दुबे

Views: 468

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rohit Dubey "योद्धा " on May 9, 2015 at 1:27pm

jee

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 7, 2015 at 8:52pm

आदरणीय सौरभ जी ने सब कुछ कह दिया  i भावुक होना अलग बात है और उस भावुकता को सही शब्द देना अलग i आप से  प्रयास अपेक्षित है . सादर .

Comment by Rohit Dubey "योद्धा " on May 7, 2015 at 10:12am

Dhanyavad 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 6, 2015 at 10:37pm

भाईजी, आपका प्रयास संवेदनापूरित है. किन्तु इस प्रस्तुति को कविता होना बाकी है. आपकी संभावनायें आश्वस्त तो कर रही हैं लेकिन पहल आपको ही करनी होगी, एक गंभीर पाठक बन कर.

शुभेच्छाएँ

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 6, 2015 at 10:31pm
आदरणीय रोहित दुबे जी, सार्थक प्रयास, सुन्दर , सारगर्भित प्रयास, बधाई, आपसे आगे भी अपेक्षाएं रहेंगी , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सृजन पर आपकी उत्साहवर्धन करती इस टिप्पणि के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी,चित्र पर बहुत सुंदर कुण्डलिया। रोला खण्डों में कहीं-कहीं गेयता में सुधार…"
2 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी  छंदो पर उत्साहवर्धन करती इस प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार "
6 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी इस प्रयास पर आपके उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। आपके द्वारा इंगित पंक्ति…"
9 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"  जीवन का आधार हैं, आसन-प्राणायाम हैं प्राणों की साधना, नहीं मात्र व्यायाम// बिल्कुल…"
19 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह,वाह,तीनों लाजवाब कुण्डलिया श्री अजय गुप्ता 'अजेय' जी। किंतु अंतिम कुण्डलिया में…"
20 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"-कुण्डलिया छंद- 1- कुण्डलिया लिखने दिया, योग दिवस का चित्र। छंदोत्सव में योग पर, लिखना …"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप बेहतरीन छंद हूए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद *********** पढ़ना लिखना सीखते, नन्हें - नन्हें बाल। मिलकर करते योग सब, मिला ताल से…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आभार लक्ष्मण भाई    "
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आभार आदरणीय अखिलेश भाई    "
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service