For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 किसी साहित्यिक गोष्ठी में पहली बार शामिल हुआ था वह I सीखने को आतुर मन !! चर्चा जोरों पर थी साहित्य का स्वरुप क्या हो ? असमंजस में पड़ गया वो !! दिल से लिखी गयी कुछ पंक्तियों के लिए कल कितनी कटु आलोचना सहनी पड़ी थी उसे I मन का लेखक अब लेखनी से त्रस्त होकर सोच रहा था कि ...... " किसके लिए लिखे वो ? " 

मीना पाण्डेय
बिहार
मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 369

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 28, 2015 at 6:20pm
आदरणीय सुश्री मीणा पाण्डेय जी, एक बहुत ही सार्थक विषय लिया आपने अपनी लघु- कथा में, साहित्य का स्वरुप निर्धारित करने जैसी बात, और किसके लिए लिखे वह, क्यों कि जब भी स्थापित मूल्यों के विरुद्ध लिखेगा आलोचना तो झेलेगा ही , साहित्य में कोई नै बात लेकर प्रविष्ठ होना उतना ही कठिन होता है जितना एक रूढ़िवादी समाज में किसी रूढ़ि के खिलाफ आवाज उठाना , दोनों ही जगह आपको स्वयं स्थापित ठेकेदारों से सामना करना पड़ता है , क्योंकि जड़ता दोनों ही जगह होती है ,और जड़ तो फिर जड़ ही होता है , परिवर्तन को त्याज्य समझने वाला.
……… सिर्फ तीन पंक्तियों में इतनी बड़ी बात को कह डालना बहुत ही प्रशंसनीय है , बहुत बहुत बधाई, पर कहीं लिखने में कुछ अस्पष्ट रह गया है , उसे स्वयं देख लें।
सादर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 28, 2015 at 1:41pm

आदरणीया मीनाजी, आप अपनी प्रस्तुति को स्वयं एक बार देख लें. लघुकथा के प्रस्तुतीकरण में तनिक सुधार अपेक्षित है.

क्या ’उलझन’ किसी का नाम है ? एकबारग़ी लगता तो ऐसा ही है. फिर प्रस्तुति के क्रम में ही आपका नाम, परिचय आदि अंकित हो गये हैं.

लघुकथा का विषय साहित्य के हिसाब से बड़ा प्रासंगिक है. इस विन्दु पर आपकी सोच सान्द्रता चाहती है, जानना सुखद लगा.

शुभेच्छाएँ

Comment by neha agarwal on April 28, 2015 at 1:38pm
वाह दी
Comment by Shyam Narain Verma on April 28, 2015 at 10:42am
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
42 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
8 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
9 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
10 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
10 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
10 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service