For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिकार (विश्व महिला -दिवस पर विशेष)

कैसा यह ---

जिसे विश्व कहता है

बलात्कारो का देश

जिसकी राजधानी को

रेप सिटी कहते हैं

जिस देश में आंकड़े बताते है

हर बीस मिनट पर

होता है एक रेप

जहां के सांसद और विधायक

अभियुक्त है

अनेक हत्या और बलात्कार के

जिन पर होती नहीं कोई कार्यवाही

जहां बलात्कार के बाद होती है हत्या

जहाँ तंदूर में जलाई जाती है नारी

जहाँ रेप के बाद निकली जाती है आँखे

जहाँ निर्भया की चीखती है अतडियाँ

जहा प्रतिबन्धित होती है ‘’इंडिया’ज डाटर ‘’

जहाँ कडवे फैसले

सुप्रीम कोर्ट में हो जाते है दफ़न

जहाँ सच्चे आन्दोलन का होता है दमन

जहाँ का प्रशासन बनाता है खोखले क़ानून

जहाँ सारे पाठ, सारी हिदायते है

केवल बेटियों के लिए

जहाँ बंधन है, मर्यादा है, इज्जत है  

सिर्फ लडकियो के लिए

जहाँ लज्जा एक आभूषण है

सिर्फ महिलाओं के लिए

जिनका माहात्म्य हम सास्वर गाते है

कभी देवी कभी सीता कभी लक्ष्मी बत्ताते है

रात भर जाग जयकारा लगाते हैं

कवियों के लिए जो सुकुमारी श्रद्धा है

वह भारत की बेटी है

अभी-अभी चिता पर लेटी है

क्योकि बीस मिनट पहले ही

उसका हुआ है बलात्कार

जिसने छीना है उससे जीने का अधिकार

हम अभी उसकी अस्थियाँ बहायेंगे

आंसू टपकायेंगे, नारे लगायेंगे

कल भूल जायेंगे

परसों से ढूढेंगे फिर नया शिकार ---

(मौलिक व् अप्रकाशित )

      

Views: 846

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 11, 2015 at 11:39am

आ0 खुर्शीद जी 

आपने सच कहा कि कलम की चीख गूंगो -के कानो  तक पहुंचेगी इसमें संदेह है i पर हमें कवि कर्म तो करना ही है इसादर i

Comment by khursheed khairadi on March 10, 2015 at 10:33pm

जहाँ सारे पाठ, सारी हिदायते है

केवल बेटियों के लिए

जहाँ बंधन है, मर्यादा है, इज्जत है  

सिर्फ लडकियो के लिए

जहाँ लज्जा एक आभूषण है

सिर्फ महिलाओं के लिए

जिनका माहात्म्य हम सास्वर गाते है

कभी देवी कभी सीता कभी लक्ष्मी बत्ताते है

आदरणीय गोपाल नारायण सर ,  शब्द दर  शब्द .     एक चेतन और सशक्त आवाज़ उभरी है |यह क़लम की चीख गुंगो के  कानों तक पहुँच जाये ,ऐसी आशा कम है |सादर अभिनंदन और हार्दिक बधाई आपको |  

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 4:40pm

आ० श्याम नारायन जी

आपका बहुत बहुत आभार i  सादर i

Comment by Shyam Narain Verma on March 10, 2015 at 3:24pm

भावनाओं से ओतप्रोत रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें.... 

 सादर नमन

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 11:36am

आ० हरि प्रकाश जी

आपकी भावनाओ को नमन और सादर आभार i  

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 11:34am

आ० सौरभ जी

आपकी विशद टिप्पणी से कई सत्य उजागर हुए  i  कविता किसी एक पक्ष को उद्घाटित कर सकी --इस संस्तुति से आश्वस्त हुआ i सादर i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 11:30am

प्रिय महर्षि

तुम्हारी संस्तुति में मैं नव भारत की संस्तुति अनुभव करता हूँ i  स्नेह i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 11:28am

आ० मठपाल जी

अनुगृहीत हुआ i सादर i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 10, 2015 at 11:27am

महनीय राजेश कुमारी जी

आपकी संस्तुति से आश्वस्त हुआ i सादर i

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 9:50pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर,  भारतीय समाज में व्याप्त विसंगतियों और पुरुष प्रधान मानसिकता  का तीखा विश्लेषण   समेटे है आपकी यह कविता,

/वह भारत की बेटी है

अभी-अभी चिता पर लेटी है/

/कल भूल जायेंगे

परसों से ढूढेंगे फिर नया शिकार/..कितना कटु सत्य है ,पता नहीं इतने चोंचले करने के बाद भी नारी की ही क्या, देश की दुर्दशा बनी ही हुई है !इस सशक्त रचना पर आपको हार्दिक बधाई ! सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service