व्यर्थ का अचंभा
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अचंभित न होइये
आपके ही माउस के किसी क्लिक का परिणाम है
आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर आई ये फाइल
गलती कंप्यूटर से हो नहीं सकती ,
कंप्यूटर ही गलत , बिग़ड़ा चुन लिया हो तो और बात
अगर ऐसा है तो,
इस ग़लत चुनाव का कारण भी आप ही हैं
कंप्यूटर सदा से निर्दोष है, और रहेगा
फाइल खुलने में देरी- जलदी हो सकती है
कंप्यूटर की शक्ति, प्रोसेसर , रेम , हार्डडिस्क के अनुपात में
लेकिन ये तय है ,
परिणाम आपके ही किसी क्लिक का है
एक और कंप्यूटर है , ईश्वरीय
कभी न खराब होने वाला
असीम अनंत शक्ति शाली प्रोसेसर , रेम और हार्डडिस्क वाला
ग़लती की रंच मात्र भी संभावना नहीं ,
कोई फाइल कभी करप्ट नहीं होती, बस
किसकी कौन सी फाइल कब और कैसे खोलना
ये ईश्वराधीन है
वर्तमान में
जीवन के पटल पर उभर आईं परिस्थितियाँ
अच्छी हों या बुरी
आपके ही किसी क्लिक का परिणाम हैं
अचंभित न होइये,
अगर बुरी है
पढ लीजिये खुली हुई फाइल
गुज़र जाने दीजिये
अनुभव बन कर इस समय को / फाइल को
ताकि वही क्लिक आप फिर न करें
दूसरी बार ,बार बार ।
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Comment
आदरणीया राजेश जी , आपके अनुमोदन ने रचना को पूर्णता प्रदान कर दी , आपका हार्दिक आभार ।
आदरणीय खुरशीद भाई , हौसला अफज़ाई के लिये बहुत आभार ।
आदरणीय जीतेन्द्र भाई , सराहना के लिये आपका आभार ।
अचंभित न होइये,
अगर बुरी है
पढ लीजिये खुली हुई फाइल
गुज़र जाने दीजिये
अनुभव बन कर इस समय को / फाइल को
ताकि वही क्लिक आप फिर न करें
दूसरी बार ,बार बार ।---वाह वाह बेहतरीन नसीहत देती हुई प्रस्तुति ...कंप्यूटर के बिम्ब से मानव जीवन के कर्तव्यों का बहुत सुन्दर विश्लेषण किया है बेहतरीन सन्देश देती हुई इस अलग सी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई आ० गिरिराज जी
आदरणीय गिरिराज सर ,नितांत नवीन परिकल्पना है |हमे माउस पर इतना तो नियन्त्रण होना चाहिए की कौनसी फ़ाइल खुल रही है |सुन्दर प्रस्तुति के लिए ढेरों बधाई स्वीकार करें |सादर अभिनन्दन |
वर्तमान में
जीवन के पटल पर उभर आईं परिस्थितियाँ
अच्छी हों या बुरी
आपके ही किसी क्लिक का परिणाम हैं..............बहुत खूब चित्रण, आदरणीय गिरिराज जी. बहुत-२ बधाई
आदरणीय बागी भाई जी , रचना मे आपकी उपस्थिति सदा उत्साह वर्धन करती है ! सराहना के लिये आपका दिल से आभारी हूँ ।
अच्छी हों या बुरी
आपके ही किसी क्लिक का परिणाम हैं
अचंभित न होइये,
क्या कहने आदरणीय, क्या खूबसूरती से बिम्बों को यथार्थ में बदला है, अच्छी रचना, बहुत बहुत बधाई.
आदरणेय विश्वराज भाई , आपकी सराहना के लिये दिली शुक्रिया ।
आदरणीया सविता जी , उत्साह वर्धन के लिये अपका दिली शुक्रिया ।
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