For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कली तुझसे पूछूँ एक बात

कली तुझसे पूछूँ एक बात,

की जब होती है आधी रात,

कौन  भवंरा बनके चुपचाप,

तेरी  गलियों में आता है !!

 

कली  से काहे पूछे  बात,

की जब होती है आधी रात,

मैं महकती रहती हूँ चुपचाप,

बिचारा खिंच-खिंच आता है !!

 

कभी करता है मिलन की बात ,

सह काटों के आघात वो आधी रात,

नैन से नैन मिला कर चुपचाप,

वो  भवंरा खुद शरमा जाता है !!

 

सखी क्या कह दूँ दिल की बात ,

की अब तो ढलती जाए रात,

नैनों के चलते बाण चुपचाप,

ये मनवा बिंध -बिंध जाता है !!

 

सोचती हूँ कह दूं दिल की बात ,

की तुम  ले आओ बारात, आधी रात,

लिए तारों को संग चुपचाप,

सोचते  सवेरा  हो ही  जाता  है !!

 

वो भवंरा उड़-उड़ जाता है !!

वो भवंरा उड़-उड़ जाता है !!

.

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

 

Views: 466

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on December 21, 2014 at 12:01pm

आपका हार्दिक धन्यवाद सीमा तिवारी जी  !

Comment by seematiwari on December 20, 2014 at 8:40pm

bahut sundar kavita likhi hai aapne aadarniya hari prakash dubey ji...gazab ki kalpana Shakti....bahut bahut badhai!!

Comment by Hari Prakash Dubey on December 20, 2014 at 5:59pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर ह्रदय से आभार, ,आपकी प्रतिक्रिया- "आपकी हर कविता नए और अद्भुत रंग लेकर आती है" -मेरा प्रोत्साहन है, मेरा इनाम है ! सादर प्रणाम !

Comment by Hari Prakash Dubey on December 20, 2014 at 5:03pm

सोमेश भाई आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया एवं आपके उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार !

Comment by somesh kumar on December 20, 2014 at 11:42am

कुछ अलग सी शैली लगी इस कविता में ,यही एक सफल लेखक की पहचान हैं यही नव-सृजन की उड़ान है ,बधाई 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 19, 2014 at 11:03am

हरि प्रकाश जी

आपकी हर कविता नए और अद्भुत रंग लेकर आती है i बेहतरीन i सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service