For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल ~ फिर मेरे होँठोँ की तुम

2122 2122 2122 212

फिर मेरे होँठोँ की तुम मुस्कान लेकर आ गये ।
जा रही थी जिन्दगी तुम जान लेकर आ गये ।

ख्वाबोँ के उजडे शहर मेँ कोई दस्तक हो गयी ,
तुम सजाकर फिर नये अरमान लेकर आ गये ।

मेरी किस्मत ने दिखाई और ही तस्वीर थी ,
जिन्दगी की तुम अलग पहचान लेकर आ गये ।

प्यार खुशबू सादगी अहसास नग्मा आरजू ,
दिल मेँ तुम कितने हँसी मेहमान लेकर आ गये ।

आज तो मौसम जुदा है आज आलम और है ,
तुम बदलते वक्त का फरमान लेकर आ गये ।

मौलिक व अप्रकाशित
नीरज

Views: 1137

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कंवर करतार on December 4, 2014 at 10:14pm

नीरज भाई,सुंदर ग़ज़ल बन पाई है, बधाई I  

Comment by Neeraj Nishchal on December 4, 2014 at 8:48pm
बहुत बहुत धन्यवाद गुमनाम जी ।
Comment by gumnaam pithoragarhi on December 4, 2014 at 8:10pm
बहुत खूब.... गजल पर आपको दिल से बधाईबहुत खूब , बधाई।
Comment by gumnaam pithoragarhi on December 4, 2014 at 8:10pm
बहुत खूब.... गजल पर आपको दिल से बधाईबहुत खूब , बधाई।
Comment by Neeraj Nishchal on December 4, 2014 at 6:34pm
आदरणीया सीमा तिवारी जी बहुत बहुत आभार प्रकट करता हूँ करा आपका ।
Comment by Neeraj Nishchal on December 4, 2014 at 6:32pm
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय विजय निकोर जी ।
Comment by seematiwari on December 4, 2014 at 5:55pm
मेरी किस्मत ने दिखाई और ही तस्वीर थी ,

जिन्दगी की तुम अलग पहचान लेकर आ गये ।...बहुत खूब!!!




बहुत सुंदर शेर कहे है आपने आदरणीय नीरज जी...खुबसूरत ग़ज़ल के लिए आपको बधाई
Comment by vijay nikore on December 4, 2014 at 5:07pm

खूबसूरत रचना के लिए बधाई।

Comment by Neeraj Nishchal on December 4, 2014 at 11:10am
बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नरायण वर्मा जी ।
Comment by Neeraj Nishchal on December 4, 2014 at 11:06am
बहुत बहुत धन्यवाद अदा करता हूँ आदरणीय संजय शर्मा जी आपका आपने इतने प्रेम से गजल सराही आप के सुझाव पर ध्यान देने का प्रयास करूँगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
7 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service